इराकी प्रतिरोध का अधिकृत फिलिस्तीन में इज़रायली ठिकानों पर ड्रोन हमला

इराकी प्रतिरोध का अधिकृत फिलिस्तीन में इज़रायली ठिकानों पर ड्रोन हमला

इराकी इस्लामिक प्रतिरोध द्वारा फिलिस्तीन के दक्षिणी भाग में इज़रायली ठिकानों पर ड्रोन हमले की खबर ने क्षेत्र में एक बार फिर तनाव को बढ़ा दिया है। इस हमले को “तूफ़ान अल-अक्सा” अभियान के समर्थन में अंजाम दिया गया, जो कि ग़ाज़ा और लेबनान में इज़रायल के खिलाफ जारी प्रतिरोध का एक हिस्सा है। इस खबर को विस्तृत रूप से समझने के लिए निम्नलिखित तथ्यों पर ध्यान दिया जा सकता है:

इराकी प्रतिरोध ने इस हमले को ग़ाज़ा और लेबनान के लोगों पर हो रहे “नरसंहार” के खिलाफ समर्थन के तौर पर बताया है। यह हमला इज़रायल और ग़ाज़ा के बीच जारी संघर्ष के दौरान हुआ, जहां ग़ाज़ा में बड़े पैमाने पर इज़रायली हमले हो रहे हैं। लेबनान में भी तनाव की स्थिति बनी हुई है, विशेषकर हिज़बुल्लाह और इज़रायल के बीच।

इराकी प्रतिरोध ने दावा किया कि उन्होंने ड्रोन तकनीक का उपयोग करके इज़रायली सेना के एक महत्वपूर्ण ठिकाने को निशाना बनाया। यह ठिकाना दक्षिणी फिलिस्तीन के कब्जे वाले क्षेत्र में स्थित था। हालांकि, हमले के सटीक स्थान और नुकसान की विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है।

इराकी प्रतिरोध ने पिछले 13 महीनों में कई बार इज़रायली ठिकानों पर हमले किए हैं। यह हमले ग़ाज़ा पर इज़ रायली हमलों और अन्य क्षेत्रों में उनकी आक्रामकता के जवाब में किए गए हैं। ड्रोन हमलों के माध्यम से इराकी प्रतिरोध ने यह दिखाने की कोशिश की है कि वे ग़ाज़ा और लेबनान के लोगों के साथ हैं और इजरायली शासन को चुनौती देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इज़रायल की ओर से इस हमले पर कोई बयान नहीं आया है।

ड्रोन तकनीक का महत्व
इराकी प्रतिरोध द्वारा ड्रोन का उपयोग यह दर्शाता है कि क्षेत्रीय प्रतिरोध समूह आधुनिक तकनीक का उपयोग कर रहे हैं। यह इज़रायली रक्षा प्रणाली के लिए एक नई चुनौती पेश कर सकता है, जो पहले से ही हमास और हिज़्बुल्लाह के मिसाइल और रॉकेट हमलों के सामने बेबस नज़र आ रहा है। यह ड्रोन हमला मध्य पूर्व में जारी संघर्ष का एक और उदाहरण है, जिसमें प्रतिरोध समूह इज़रायली अत्याचार के विरुद्ध अपनी उपस्थिति दर्ज कराने और अपनी क्षमताओं को साबित करने की कोशिश कर रहे हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Hot Topics

Related Articles