5वें दौर की बैठक: किसानों का दो टूक जवाब हम सरकार से चर्चा नहीं, बल्कि ठोस जवाब चाहते हैं वो भी लिखित में,

कृषि कानूनों को लेकर पिछले 9 दिनों से धरने पर बैठे किसानों के साथ केंद्र सरकार की शनिवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में पांचवे दौर की बातचीत चल रही है इस बातचीत के लिए केंद्र की तरफ से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल, वाणिज्य और खाद्य मंत्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश मौजूद हैं. बैठक में सरकार और किसान अपने-अपने रुख पर अड़े हुए हैं. सरकार ने कानून में संशोधन का प्रस्ताव रखा, जिसे किसान नेताओं ने ठुकरा दिया. किसान नेता कृषि कानून रद्द कराने पर अड़े हैं.

किसान संगठनों का कहना है कि हम सरकार से चर्चा नहीं, बल्कि ठोस जवाब चाहते हैं वो भी लिखित में. अब तक बहुत चर्चा हो चुकी है. जिसका आखिर में कोई रेज़ल्ट नहीं निकलता

आपको ये भी बता दें कि आज की बैठक से पहले ही किसानों ने तेवर दिखा दिए थे. सिंधु बॉर्डर पर डेरा डाले अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा था कि केंद्र सरकार का कोई भी संशोधन स्वीकार नहीं किया जाएगा. हन्नान मोल्लाह ने ये भी कहा कि हमारे आंदोलन को सिर्फ पंजाब आंदोलन बोलना सरकार की साजिश है, अगर आप देखते तो ये किसान सिर्फ पंजाब में ही आंदोलन नहीं क्र रहे है बल्कि पूरे भारत में ये आंदोलन हो रहा है और अगर सरकार ने हमारी बात नहीं मानी तो ये आंदोलन ऐसे ही जारी रहेगा. अगर हम सभी ने ये फैसला लिया है कि अगर सरकार कोई संशोधन रखेगी तो हम संशोधन स्वीकार नहीं करेंगे.

आज सुबह किसानों के मुद्दे पर शनिवार सुबह गृह मंत्री अमित शाह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात की. किसान संगठनों के साथ पांचवें की दौर की बैठक से पहले ये बड़ी मीटिंग हुई. इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी मौजूद रहे. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी मीटिंग में शामिल होने पहुंचे. इसके बाद पीएम मोदी और अमित शाह की फिर बैठक हुई.

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