ग़ाज़ा में रविवार से युद्ध-विराम, बंधकों की रिहाई का समझौता

ग़ाज़ा में रविवार से युद्ध-विराम, बंधकों की रिहाई का समझौता

आख़िरकार इज़रायल और हमास के बीच युद्ध-विराम का समझौता हो गया। इस युद्ध-विराम या समझौते की घोषणा क़तर ने की। क़तर के प्रधानमंत्री शेख़ मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-थानी ने घोषणा की कि हमास और इज़रायल के बीच युद्धविराम समझौते पर अमल रविवार से शुरू होगा, जिससे 15 महीने से जारी युद्ध समाप्त हो जाएगा। क़तर के प्रधानमंत्री ने दोहा में घोषणा की कि हमास और इज़रायल युद्ध-विराम और बंधकों की रिहाई के समझौते पर सहमत हो गए हैं।

उन्होंने कहा कि समझौते के पहले चरण के तहत इज़रायल लगभग 2,000 फ़िलिस्तीनी क़ैदियों को रिहा करेगा, जिनमें से 250 ऐसे क़ैदी शामिल हैं जो इज़रायली जेलों में उम्र क़ैद की सज़ा काट रहे हैं। इन छह हफ्तों के दौरान, लगभग 100 बंधकों में से 33 को महीनों की क़ैद के बाद रिहा किया जाएगा, हालांकि यह कहना संभव नहीं है कि इनमें सभी जीवित हैं। इससे पहले तीन अमेरिकी और हमास के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि समझौते पर सहमति बन गई है, हालांकि इज़रायली प्रधानमंत्री कार्यालय का कहना है कि समझौते के अंतिम बिंदुओं को तय किया जा रहा है। नेतन्याहू के कार्यालय से जारी बयान के अनुसार, “उम्मीद है कि समझौते के बिंदुओं को आज रात अंतिम रूप दे दिया जाएगा।” इस समझौते के साथ ही ग़ाज़ा में 15 महीने से जारी युद्ध समाप्त हो जाएगा।

अभी भी अनुत्तरित सवाल
यह अभी स्पष्ट नहीं है कि कब और कितने बेघर फ़िलिस्तीनी ग़ाज़ा वापस आ सकेंगे। क्या इस समझौते के बाद ग़ाज़ा में स्थायी युद्ध-विराम होगा या नहीं और क्या इज़रायल ग़ाज़ा से अपनी सेना पूरी तरह वापस बुलाएगा या नहीं। ये बिंदु हमास की मुख्य मांगें हैं, जिनके बदले वह सभी बंधकों को रिहा करेगा। अभी तक युद्ध के बाद ग़ाज़ा के भविष्य को लेकर कई सवाल अनुत्तरित हैं, जैसे ग़ाज़ा की पुनर्निर्माण और पुनर्वास प्रक्रिया की निगरानी कौन करेगा। इसके बावजूद समझौते की घोषणा से यह उम्मीद पैदा हुई है कि, शायद हमास और इज़रायल डेढ़ साल से जारी इस विनाशकारी युद्ध को समाप्त कर रहे हैं।

क़ैदियों का आदान-प्रदान होगा
क़तर की राजधानी दोहा में कई हफ्तों तक चले कठिन वार्तालापों के बाद हुए समझौते के अनुसार, हमास दर्जनों इज़रायली बंधकों को रिहा करेगा, जिसके बदले में इज़रायल सैकड़ों फ़िलिस्तीनी क़ैदियों को छोड़ेगा। समझौते के अनुसार, ग़ाज़ा युद्ध से विस्थापित लाखों फ़िलिस्तीनी अपने घरों को लौटेंगे। युद्ध-विराम समझौते को इज़रायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू की कैबिनेट की मंजूरी की आवश्यकता होगी, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में इस पर अमल शुरू हो जाएगा। समझौते के बाद तत्काल छह हफ्तों का युद्ध-विराम होगा, जिसके दौरान युद्ध को पूरी तरह समाप्त करने के लिए वार्तालाप किए जाएंगे। क़तरी प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि यह समझौता लड़ाई के स्थायी अंत का रास्ता तैयार करेगा। उन्होंने कहा, “मध्यस्थता करने वाले तीनों देश काहिरा में स्थापित एक बॉडी के माध्यम से युद्ध-विराम समझौते की निगरानी करेंगे।

समझौते के मुख्य बिंदु
युद्धविराम के प्रारंभिक छह हफ्तों में इज़रायली सेना का मुख्य ग़ाज़ा से क्रमिक रूप से हटना और विस्थापित फ़िलिस्तीनियों की उत्तरी ग़ाज़ा में वापसी होगी।
युद्धविराम के दौरान रोज़ाना ग़ाज़ा में 600 ट्रकों पर मानवीय सहायता भेजी जाएगी, जिनमें से 50 ट्रक ईंधन लेकर आएंगे और 300 ट्रक उत्तर के लिए निर्धारित होंगे।
हमास 33 इज़रायली बंधकों को रिहा करेगा, जिनमें सभी महिलाएं (सैनिक और नागरिक), बच्चे और 50 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुष शामिल होंगे।
हमास पहले महिलाओं और 19 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को रिहा करेगा, उसके बाद 50 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों को।
इस दौरान इज़रायल प्रत्येक नागरिक बंधक के बदले 30 फ़िलिस्तीनियों और प्रत्येक महिला सैनिक के बदले 50 फ़िलिस्तीनी क़ैदियों को रिहा करेगा।
इज़रायल 7 अक्टूबर, 2023 के बाद से गिरफ्तार सभी फ़िलिस्तीनी महिलाओं और 19 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को पहले चरण के अंत तक रिहा करेगा।
रिहा किए जाने वाले फ़िलिस्तीनियों की कुल संख्या इज़रायली बंधकों की रिहाई पर निर्भर करेगी और यह संख्या 990 से 1650 क़ैदियों तक हो सकती है, जिनमें पुरुष, महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।
पहले चरण के 16वें दिन समझौते के दूसरे चरण के लिए वार्तालाप शुरू होंगे, जिसमें बाकी सभी क़ैदियों की रिहाई, स्थायी युद्धविराम और इज़रायली सैनिकों का पूर्ण निष्कासन शामिल होगा।
तीसरे चरण में सभी शेष शवों की वापसी और ग़ाज़ा के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी, जिसकी निगरानी मिस्र, कतर और संयुक्त राष्ट्र करेंगे।

ग़ाज़ा में जश्न का माहौल
जैसे ही समझौते की खबर फैली, तेल अवीव में प्रदर्शनकारियों ने बंधकों की रिहाई की मांग की, जबकि ग़ाज़ा में हजारों लोगों ने इस समझौते पर जश्न मनाया। ग़ाज़ा में विस्थापित हुए अल-नसीरात शरणार्थी कैंप में 45 वर्षीय रांदा समीह ने कहा, “मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि एक साल से अधिक का यह डरावना सपना आखिरकार समाप्त हो रहा है। हमने बहुत से लोगों को खो दिया है, हमने सब कुछ खो दिया है।” एक फ़िलिस्तीनी महिला ने कहा, “मैं खुश हूं और रो रही हूं, लेकिन ये खुशी के आँसू हैं।” हमास का कहना है कि यह युद्ध-विराम हमारे महान फ़िलिस्तीनी लोगों की बेमिसाल दृढ़ता और ग़ाज़ा पट्टी में 15 महीने से अधिक समय से जारी हमारी साहसी प्रतिरोध का परिणाम है।

भारत ने भी किया फैसले का स्वागत
भारत ने गुरुवार को इज़रायल और हमास के बीच हुए युद्ध-विराम समझौते का स्वागत किया और बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर लौटने की अपनी मांग को दोहराया। विदेश मंत्रालय ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि “हम बंधकों की रिहाई और ग़ाज़ा में युद्ध-विराम समझौते की घोषणा का स्वागत करते हैं।” “हमें उम्मीद है कि इससे ग़ाज़ा के लोगों को मानवीय सहायता की एक सुरक्षित और स्थायी आपूर्ति होगी। हम लगातार सभी बंधकों की रिहाई, युद्ध-विराम और बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर लौटने की मांग करते रहे हैं।”

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