प्रधानमंत्री कहते हैं किसानों को ऑप्शन दिया है, पहला ऑप्शन भूख, दूसरा बेरोजगारी और तीसरा आत्महत्या के रूप में दिया है: राहुल गाँधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को लोकसभा में बजट पर चर्चा के दौरान कृषि कानूनों का मुद्दा उठाया। राहुल गाँधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘प्रधानमंत्री कहते हैं कि उन्होंने ऑप्शन दिया है, लेकिन हम बताते हैं उनका ऑप्शन क्या है उनका पहला ऑप्शन भूख, दूसरा बेरोजगारी और तीसरा आत्महत्या है।’

पूर्व अध्यक्ष ने आगे कहा, ‘पहले कानून का कंटेंट है कि कोई भी व्यक्ति देश में कहीं भी कितना भी अनाज, सब्जी, फल खरीद सकता है। अगर खरीदी देश में अनलिमिटेड होगी तो मंडी में कौन जाएगा? पहले कानून का कंटेंट मंडी को खत्म करने का है। दूसरे कानून का कंटेंट है कि बड़े से बड़े उद्योगपति अनाज, फल, सब्जी स्टॉक कर सकते हैं, कोई लिमिट नहीं है।’

राहुल ने उद्योगपतियों पर हमला बोलते हुए कहा, ‘तीसरे कानून का कंटेंट है कि किसान जब उद्योगपतियों के सामने जाकर अपनी उपज का पैसा मांगें तो उसे अदालत में नहीं जाने दिया जाएगा। सालों पहले फैमिली प्लानिंग में नारा था- हम दो और हमारे दो। आज क्या हो रहा है, जैसे कोरोना दूसरे रूप में आता है, वैसे ही ये भी नए रूप पर आ रहा है। अब 4 लोग देश चला रहे हैं, उनका नारा है हम दो हमारे दो।’

राहुल ने कहा, ‘हम दो और हमारे दो इस देश को चलाएंगे। पहली बार हिंदुस्तान के किसानों को भूख से मरना पड़ेगा। ये देश रोजगार पैदा नहीं कर पाएगा। ये पहली कोशिश नहीं है। ये काम प्रधानमंत्री ने हम दो हमारे दो के लिए पहले नोटबंदी में शुरू किया था। पहली चोट नोटबंदी थी। तब ये मंशा थी कि नोट निकालो और हम दो हमारे दो की जेब में डालो।’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘ कोरोना काल में जब प्रधानमंत्री ने अचानक लॉकडाउन किया उस दौरान पुरे देश दूर दराज़ के मज़दूर फंसे हुए थे जब उन्होंने अपने घर जाने का पैसा माँगा तो मना कर दिया गया । और उन लोगों से ये कहा गया कि तुम पैदल घर जाओ

राहुल बोले कि ये किसानों का आंदोलन नहीं है, ये देश का आंदोलन है। किसान सिर्फ रास्ता दिखा रहा है और वो अंधेरे में टॉर्च दिखा रहा है। एक आवाज में पूरा देश हम दो-हमारे दो के खिलाफ उठने जा रहा है। आप ये लिखकर ले लीजिए। आप सोचते हैं कि हिंदुस्तान के गरीब, मजदूर, किसान को हटा लोगे, पर वो एक इंच पीछे नहीं हटेंगे। वो आपको हटा देगा। आपको कानून वापस लेना ही पड़ेगा।

जब राहुल गाँधी ने के भाषण की शुरुआत की उसी वक़्त से सत्ता पक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। उनके भाषण के दौरान कई बार नारेबाजी हुई। पीछे से आवाजें आईं कि यह कांग्रेस की मीटिंग नहीं है। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने भी कई बार राहुल को टोकते हुए कहा कि आप बजट पर चर्चा कीजिए, लेकिन राहुल किसानों के मुद्दे पर बोलते रहे।

बता दें कि भाषण के आखिर में राहुल बजट पर आए लेकिन बात किसानों की ही की। उन्होंने कहा, ‘अब बात करते हैं बजट की। सरकार ने तब कहा कि चर्चा किसानों के मुद्दे पर नहीं होगी। मैं बजट पर नहीं, सिर्फ किसानों के मुद्दे पर बोलूंगा और उसके बाद अपना मुंह चुप कर लूंगा। जो किसान शहीद हुए, उनको इन लोगों ने श्रद्धांजलि नहीं दी। मैं अपने भाषण के बाद उन शहीदों के लिए मौन रहूंगा।’

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