बिना जनता की एकता के तानाशाह सरकार से लड़ाई नहीं जीती जा सकती: कांग्रेस
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी नेताओं से आत्मसंयम बनाए रखने और ऐसी टिप्पणियों के साथ मीडिया में जाने से बचने को कहा जो कांग्रेस के हितों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। पार्टी ने पहले ही उन पत्रकारों और मीडिया संगठनों की सूची जारी कर दी है जिनके साथ कांग्रेस अब कोई बातचीत नहीं करेगी।
कांग्रेस ने वैचारिक और पार्टी लाइनों से ऊपर उठकर नागरिकों के बीच एकता का आह्वान किया। कांग्रेस ने कहा कि “लोकतंत्र को बचाने के लिए तानाशाही सरकार” को “उखाड़ फेंकने” में इसी तरह की एकता मदद करेगी। बिना जनता की एकता के तानाशाह सरकार से लड़ाई नहीं जीती जा सकती।
हैदराबाद में कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के दूसरे दिन, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सभी स्तरों पर सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं से नियमित रूप से लोगों से मिलने और उनकी समस्याओं को सुनने के लिए कहा। खड़गे ने कहा कि अगले साल होने वाले चुनाव के लिए पार्टी राष्ट्रीय लड़ाई के लिए जमीन तैयार कर रही है।
खड़गे ने कहा- “यह हमारे लिए आराम करने का समय नहीं है। भाजपा के शासन के तहत पिछले 10 वर्षों में, आम लोगों के सामने चुनौतियां कई गुना बढ़ गई हैं। प्रधानमंत्री ने गरीबों, किसानों, मजदूरों, महिलाओं और युवाओं की चिंताओं पर विचार करने से इनकार कर दिया, वह खुद से परे कुछ भी नहीं देख पा रहे हैं।”
उन्होंने कहा- “हमें व्यक्तिगत हितों को किनारे रखकर अथक परिश्रम करना चाहिए। हमें अपने व्यक्तिगत मतभेदों को किनारे रखकर पार्टी की सफलता को प्राथमिकता देनी चाहिए… केवल एकता और अनुशासन के माध्यम से ही हम अपने विरोधियों को हरा सकते हैं। यह कर्नाटक में साफ था, जहां हम एकजुट रहे और सफलता हासिल करने के लिए अनुशासन के साथ संघर्ष किया।’
कांग्रेस विपक्षी गुट इंडिया का हिस्सा है। इंडिया गुट आगामी चुनाव एकजुट होकर लड़ना चाहते हैं। अब वहां सीट शेयरिंग के फॉर्मूले पर बातचीत चल रही है। इस घटनाक्रम से भाजपा परेशान है और वो कांग्रेस पर हमले का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। हाल ही में डीएमके नेता की सनातन धर्म की टिप्पणी की आड़ में भाजपा ने कांग्रेस पर ज्यादा निशाना साधा।