जरूरत पड़ने पर सपा हमेशा कांग्रेस के साथ खड़ी रहेगी: अखिलेश
मध्य प्रदेश चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस के साथ बातचीत टूटने के बाद अखिलेश ने शुरू से ही आक्रामक रुख अपना लिया था। लगभग हर दिन वो बयानबाजी कर रहे थे। उन्होंने अब कहा, ”अभी, मुझे सबसे बड़े कांग्रेस नेता (सर्वोच्च कांग्रेस नेता) से संदेश मिला है। अगर वो कुछ कह रहे हैं तो मुझे इसे स्वीकार करना होगा। वो नंबर एक हैं।
यह जानकारी खुद अखिलेश यादव ने दी है। अखिलेश ने कहा कि उन्हें “कांग्रेस के शीर्ष नेता से संदेश मिला है, और उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया है।” उन्होंने यह भी कहा कि जरूरत पड़ने पर सपा हमेशा कांग्रेस के साथ खड़ी रहेगी। हालांकि उन्होंने किसी क नाम तो नहीं लिया लेकिन इस बात की चर्चा है कि राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे या फिर प्रियंका गांधी ने शायद फ़ोन कर उनकी नाराज़गी ख़त्म की हो।
बता दें कि,कांग्रेस की जाति जनगणना की मांग पर अखिलेश के सुर अलग थे। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों के “केवल वोटों की खातिर” जाति जनगणना का समर्थन कर रही है। यह वही कांग्रेस है जिसने जाति जनगणना के आंकड़े नहीं दिए। यह (मांग) एक चमत्कार है… क्योंकि वे जानते हैं कि उनके पास अब वोट नहीं हैं।
अखिलेश के इसी बयान के बाद कांग्रेसी नेताओं के बयान आने लगे थे। इसके बाद सपा नेताओं ने भी बयान देने शुरू कर दिए। भाजपा इसका इंतजार कर रही थी। उसने फौरन अखिलेश की आड़ लेकर कांग्रेस और राहुल गांधी पर हमला शुरू कर दिया था। बहरहाल कांग्रेस के शीर्ष नेता के फ़ोन के बाद कांग्रेस के साथ सपा का तनाव खत्म होने का संकेत पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने शनिवार को दे दिया है।
अखिलेश ने कहा, “डॉ. राम मनोहर लोहिया और नेता जी (मुलायम सिंह यादव) ने कभी कहा था कि जब कांग्रेस सबसे कमजोर स्थिति में होगी और जब उन्हें हमारी जरूरत होगी, हमें उनके साथ रहना चाहिए… हम उस परंपरा का पालन करेंगे। जब परमाणु समझौता (अमेरिका के साथ) हो रहा था, तो उन्हें (यूपीए सरकार को) हमारी जरूरत थी… और हम उनके साथ खड़े थे… जब मैंने (इस पर) नेताजी का संदेश देते हुए डॉ मनमोहन सिंह के पैर छुए, तो उन्होंने कहा कि वह समाजवादियों के समर्थन के कारण प्रधानमंत्री हैं।