पंजाब चुनाव: सिद्धू की हठ ने कांग्रेस की लुटिया डुबो दी

पंजाब चुनाव: सिद्धू की हठ ने कांग्रेस की लुटिया डुबो दी

पंजाब विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद आम आदमी पार्टी की सरकार बनना तय लग रही है। आम आदमी पार्टी के संभावित मुख्यमंत्री भगवंत मान और कांग्रेस के प्रदेश प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के बीच एक समानता है। दोनों ही कॉमेडियन हैं। एक कॉमेडियन ने सधे हुए राजनेता के रूप में अपनी भूमिका निभाते हुए अपनी पार्टी को जीत दिला दी वहीं दूसरे को कॉमेडियन, पंजाब कांग्रेस के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के रवैये पार्टी की लुटिया डुबो दी।

पंजाब विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद सिद्धू का मशहूर डायलॉग बार-बार याद आ रहा है। मैं अडूंगा और लडूंगा। सब कुछ लुटता है तो लुट जाए। नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने इस डायलॉग के बारे में कहा था कि यह उनकी रूह की आवाज है और पंजाब के विकास और प्रगति के लिए कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

पंजाब के जनादेश ने सिद्धू की रूह की आवाज को ठुकरा दिया है। अड़कर और लड़कर सिद्धू ने अपना तो सब कुछ लुटाया ही कांग्रेस को भी लुटा बैठे। पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू की पहचान क्रिकेटर से अधिक एक कॉमेडी शो के कारण ज़्यादा होती है। पंजाब विधानसभा चुनाव में जो जनादेश मिला है उसे देखते हुए यह समझना मुश्किल नहीं है नवजोत सिंह सिद्धू के राजैनतिक शो के कारण कांग्रेस का सफाया हो गया है।

आम आदमी पार्टी पंजाब में भी दिल्ली की कामयाबी दोहरा रही है वहीं दूसरे नंबर के लिए कांग्रेस को अकाली दल से मुकाबला करना पड़ रहा है। दोनों दल मिलकर भी आम आदमी पार्टी के नजदीक भी पहुंचते नजर नहीं आ रहे हैं। आम आदमी पार्टी की आंधी में राज्य के दिग्गज नेता अपनी सीट बचाने के लिए किस्मत भरोसे हैं। मुख्यमंत्री चन्नी दोनों सीटों से पीछे चल रहे हैं, अमृतसर ईस्ट से नवजोत सिंह सिद्धू और पटियाला से कैप्टन अमरिंदर सिंह हार चुके हैं। 90 वर्षीय भूतपूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल भी अपनी सीट गँवा चुके हैं।

नवजोत सिंह सिद्धू भाषण देते हैं तो अपने आक्रमक, दिलचस्प और भावुक अंदाज से लोगों को आकर्षित जरूर करते हैं लेकिन यह जरूरी नहीं है कि उनके भाषण को सुनने वाले लोग उनकी पार्टी के लिए वोट भी करें। सिद्धू का ग्राफ तेजी से आगे बढ़ा था ,उन्हें थोड़ा संयम से काम लेना चाहिए था। कांग्रेस की आंतरिक कलह को जिस प्रकार उन्होंने सार्वजनिक किया और जिस उठापटक के बाद पंजाब कांग्रेस प्रमुख का पद हासिल किया उन्हें लगता था कि वह इसी तरह राज्य के मुख्यमंत्री पद पर भी आसीन हो जाएंगे। शायद सिद्धू इसी जल्दबाजी के कारण अपनी विश्वसनीयता तो खो ह बैठे, कांग्रेस भी राज्य से साफ होने के कगार पर पहुंच गई है।

कांग्रेस के पंजाब मॉडल पर जिस प्रकार सिद्धू ने जवाब दिया था उसी से स्पष्ट हो गया था कि यह आदमी पंजाब में कांग्रेस को खाक भला करेगा। कांग्रेस के पंजाब मॉडल पर सिद्धू ने कहा था यह मेरा मॉडल नहीं है। यह हाईकमान का मॉडल है। पोस्टर की तरफ संकेत करते हुए उन्होंने कहा कि आप देख रहे हैं पोस्टर में किसकी फोटो है, हाईकमान की है। मैंने इसका ठेका नहीं ले रखा कि वह मुझ पर ही भरोसा करें, वह जिसको ताकत देंगे वही इसे लागू करेगा।

अपनी सरकार के मुख्यमंत्री पर भी सिद्धू ने कड़े हमले करते हुए कहा था कि जो राजा खुद व्यापारी हो, खुद माइनिंग करता हो, खुद शराब का व्यापार करता हो, जो खुद गंदे सिस्टम का हिस्सेदार हो वह कैसे नया सिस्टम खड़ा करेगा ? ओपिनियन पोल पर सिद्ध से पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि सब ५०-50 लाख रुपए में होते हैं। पिछली बार भी आम आदमी पार्टी को 110 सीट दी जा रही थी लेकिन चुनावी नतीजे आए तो झाड़ू मुर्गी के पंखों की तरह बिखर गई।

अब जब पंजाब के जनादेश को देखते हैं तो लगता है कि आम आदमी पार्टी की सुनामी में मुख्यमंत्री चन्नी, सिद्धू ,कैप्टन अमरिंदर सब बह चुके हैं। नवजोत सिंह सिद्धू ने आम आदमी पार्टी को जीत की बधाई देते हुए कहा है कि जनता की आवाज ईश्वर की आवाज होती है। मैं विनम्रता पूर्वक पंजाब की जनता का आदेश स्वीकार करता हूं।

कांग्रेस प्रमुख सिद्धू मुख्यमंत्री चन्नी के खिलाफ लगातार हमले करते रहे और सरकार को अलग-अलग मुद्दों पर कोसते रहते थे। जब प्रदेश अध्यक्ष ही अपनी सरकार को सार्वजनिक स्तर पर हमलों का निशाना बनाए तो कार्यकर्ता अपनी सरकार के कामों का विपक्षियों के सामने किस प्रकार बचाव करता।

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