चालकों के साथ अन्याय करने वाला मोटर वाहन अधिनियम निरस्त किया जाए: नाना पटोले

चालकों के साथ अन्याय करने वाला मोटर वाहन अधिनियम निरस्त किया जाए: नाना पटोले

नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार द्वारा पारित नया मोटर व्हीकल एक्ट वाहन चालकों के लिए बेहद सख्त है। इस कानून के तहत दुर्घटना होने पर ट्रक चालक को दस साल की जेल और सात लाख रुपये तक का जुर्माना देना होगा। इस कानून के खिलाफ वाहन चालकों में भारी आक्रोश है और टैंकर चालकों ने हड़ताल की घोषणा की है, जिसे कांग्रेस का समर्थन प्राप्त है।

महाराष्ट्र कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने मांग की है कि इस नए मोटर वाहन अधिनियम को रद्द किया जाए। यह कानून ग़ैर ज़मानती है। इस सख्त कानून के खिलाफ जनता में काफी आक्रोश है। इस कानून को पास कराने के लिए ही मोदी सरकार ने विपक्षी दलों के 146 सांसदों को निलंबित कर दिया। कांग्रेस पार्टी इस काले कानून का विरोध करती है और ड्राइवरों की हड़ताल का पूरा समर्थन करती है।

इस मौके पर नाना पटोले ने यह भी कहा कि महाविकास अघाड़ी में सीटों के बंटवारे पर कोई विवाद नहीं है, सीटों का बंटवारा योग्यता के हिसाब से किया जाएगा और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपना रुख साफ कर दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, उद्धव बाला साहेब ठाकरे की शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का लक्ष्य बीजेपी को हराना है।

नाना पटोले ने कहा कि, कांग्रेस का रुख साफ़ है कि बीजेपी को हराने का लक्ष्य हासिल करने के लिए बीजेपी के खिलाफ लड़ रहे सभी दलों को एक साथ लाया जाना चाहिए। नाना पटोले ने कहा कि महाविकास अघाड़ी के विपरीत महायोति में सीटों के बंटवारे को लेकर भारी विवाद है। उनके बीच बहुत बड़ा विवाद है लेकिन अंततः भाजपा ईडी और सीबीआई का उपयोग करके विवाद को समाप्त कर देगी।

पत्रकारों के सवाल पर कि क्या बीजेपी अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का राजनीतिकरण कर रही है? नाना पटोले ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करते समय हिंदू धर्म के प्रमुख शंकराचार्यों का कहना है कि अधूरे मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा नहीं की जानी चाहिए। शंकराचार्य का कहना है कि आधे-अधूरे बने मंदिर में मूर्ति स्थापित करना गलत है और यह पाप होगा।

उन्होंने कहा कि हमें नहीं पता कि बीजेपी प्राण प्रतिष्ठा करने के लिए राजनीतिक स्टंट कर रही है या नहीं, लेकिन यह तय है कि बड़ी संख्या में हिंदू, इसे धर्म के खिलाफ मानते हैं मान रहे हैं।

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