कोलकाता की घटना पर ममता सरकार कार्रवाई कर रही है, तो फिर हाय तौबा क्यों मचा हुआ है: आरजेडी

कोलकाता की घटना पर ममता सरकार कार्रवाई कर रही है, तो फिर हाय तौबा क्यों मचा हुआ है: आरजेडी

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के बाद सियासत गरमा गई है। डॉक्टरों की देशव्यापी हड़ताल को लेकर आरजेडी के प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा क‍ि सभी जगह प्रोटेस्ट हो रहा है। इस मामले में कार्रवाई हो रही है। मेरा मानना है कि जो भी दोषी हो, उसे कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। अगर गैर बीजेपी शासित राज्य में कुछ भी होता है तो हाय तौबा मचाते हैं। वहीं बिहार में जो रेप की घटनाएं हो रही है, उस पर कारवाई क्यों नहीं हो रही है।

उन्होंने कहा कि गरीब परिवार की बेटियों की इज्जत लूटी जा रही है। इस पर बीजेपी के नेता चुप्पी साधे बैठे हुए हैं। कोलकाता की घटना पर ममता सरकार कार्रवाई कर रही है, तो फिर हाय तौबा क्यों मचा हुआ है। हमारी पार्टी उत्पीड़न के खिलाफ हमेशा बोलती आ रही है। चाहे वह बंगाल हो, बांग्लादेश हो, सभी के विरोध में हम लोग बोलते रहे हैं।

बिहार में सरकारी अस्पताल में हो रहे धरना-प्रदर्शन को लेकर शक्ति यादव ने कहा कि लोकतंत्र में प्रोटेस्ट करना जायज है, लेकिन आपातकालीन सेवाएं बाधित नहीं होने चाहिए। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने उन्हें उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।

बिहार में सरकारी अस्पताल में हो रहे धरना-प्रदर्शन को लेकर शक्ति यादव ने कहा कि लोकतंत्र में प्रोटेस्ट करना जायज है, लेकिन आपातकालीन सेवाएं बाधित नहीं होने चाहिए। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने उन्हें उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।

एक आधिकारिक बयान में मंत्रालय ने कहा कि वह स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उपाय सुझाने हेतु एक समिति गठित करेगा। यह आश्वासन फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और दिल्ली के सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों द्वारा दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अधिकारियों के साथ मुलाकात के बाद आया है।

सभी एसोसिएशनों के प्रतिनिधियों को बताया गया कि सरकार स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ है और उनकी मांगों के प्रति संवेदनशील है। राज्य सरकारों सहित सभी हितधारकों के प्रतिनिधियों को समिति के साथ अपने सुझाव साझा करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। मंत्रालय ने आंदोलनकारी डॉक्टरों से जनहित में तथा डेंगू और मलेरिया के बढ़ते मामलों को देखते हुए ड्यूटी पर लौटने का अनुरोध किया।

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