कर्नाटक की तरह राजस्थान के स्कूलों में भी हिजाब-विवाद पैदा करने की साज़िश

कर्नाटक की तरह राजस्थान के स्कूलों में भी हिजाब-विवाद पैदा करने की साज़िश

कर्नाटक के बाद अब राजस्थान में हिजाब को लेकर विवाद शुरू हो गया है। राजस्थान में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने को लेकर बैन लगाने की तैयारी हो रही है। कयास लगाए जा रहे हैं की सूबे की भजनलाल सरकार हिजाब पर प्रतिबंध लगा सकती है, जिसके बाद अब इस मामले को लेकर प्रदेश की सियासत गरमा गई है।हालांकि इस विवादित मुद्दे से आम जनता को कोई सरोकार नहीं है।

हिजाब का मुद्दा जानबूझकर पैदा करने की कोशिश की जा रही है, यह बातें सभी भली भांति जानते हैं, क्योंकि आम जनता के लिए इन मुद्दों से ज़्यादा आवश्यक, महंगाई, बेरोज़गारी, मुफ़्त शिक्षा और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दे हैं। कमाल की बात तो यह है कि जो नेता महिला सुरक्षा का मुद्दा उठाकर सत्ता में आए थे वह अब महिलाओं और छात्रों का हिजाब उतारने की बातें कर रहे हैं।

हिजाब को लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक मुद्दा बनाने की कोशिश की जा रही है। हालांकि कर्नाटक चुनाव से पहले भी इसे मुद्दा बनाने की कोशिश की गई और वहां शैक्षणिक स्थानों पर हिजाब बैन कर दिया गया, लेकिन चुनाव में इसका उल्टा असर पड़ गया और कर्नाटक की जनता ने चुनाव में इस मुद्दे को पूरी तरह नकार दिया।

इस हफ़्ते की शुरुआत में ही जयपुर के हवामहल से बीजेपी विधायक बालमुकुंद आचार्य ने लड़कियों के हिजाब पहनने पर आपत्ति की थी और अब मंत्रियों ने चेतावनी देनी शुरू कर दी है कि विद्यार्थियों को स्कूल के ड्रेस कोड में ही आना होगा। राजस्थान के स्कूली शिक्षामंत्री मदन दिलावर ने चेतावनी दी कि जहाँ भी ड्रेस कोड का पालन नहीं किया जा रहा है, वहां सख्त कार्रवाई की जाएगी।

राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इस मामले में शिक्षा विभाग को आदेश दिया है कि दूसरे राज्यों में हिजाब बैन के स्टेटस की रिपोर्ट तैयार की जाए, साथ ही राजस्थान में इसका क्या प्रभाव पड़ेगा इसकी भी रिपोर्ट तैयार की जाए। सूत्रों के मुताबिक शिक्षा विभाग उच्च स्तर पर हिजाब बैन मामले में रिपोर्ट तैयार करेगा और उसे शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को भेजेगा।

हालाँकि भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य की आपत्ति के बाद उनके ख़िलाफ़ प्रदर्शन भी हुए थे। उनके बयान के बाद जयपुर के मुस्लिम बाहुल्य हवामहल विधानसभा से विधायक आचार्य के खिलाफ मुस्लिम छात्राएं सड़कों पर उतर आई थीं। सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली मुस्लिम छात्राओं ने अपने परिजनों के साथ सुभाष चौक पुलिस थाने का घेराव भी किया था। छात्राओं का कहना था कि शिक्षा के मंदिर में हिंदू-मुसलमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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