क्या मुसलमानों के बारे में प्रधानमंत्री का बयान नफ़रती नहीं है? चुनाव आयोग ख़ामोश क्यों है?: विपक्ष

क्या मुसलमानों के बारे में प्रधानमंत्री का बयान नफ़रती नहीं है? चुनाव आयोग ख़ामोश क्यों है?: विपक्ष

प्रधानमंत्री मोदी के चुनावी भाषण पर बवाल मचा हुआ है। इस पर विपक्षी दलों ने तो तीखी प्रतिक्रिया दी ही है, सोशल मीडिया पर नागरिक समाज ने भी धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण का आरोप लगाया है। सवाल पूछा जा रहा है कि क्या मुसलमानों के बारे में प्रधानमंत्री मोदी ने जो कहा वह नफ़रती बयान नहीं है? क्या चुनाव आयोग उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करेगा? पीएम मोदी के बयान के बाद एक बार फिर देश की राजनीति गरमा गई है।

कांग्रेस नेता श्रीनिवास बीवी ने कहा है, ‘ये देश का दुर्भाग्य है कि ये व्यक्ति इस देश का प्रधानमंत्री है, और उससे भी बड़ी त्रासदी है कि भारत का चुनाव आयोग अब जिंदा नहीं रहा। हार की बौखलाहट के चलते खुलेआम भारत के प्रधानमंत्री नफरत का बीज बो रहे हैं, मनमोहन सिंह जी के 18 साल पुराने अधूरे बयान को ग़लत कोट करते हुए ध्रुवीकरण कर रहे हैं, लेकिन चुनाव आयोग (मोदी का परिवार) नतमस्तक है।’

प्रधानमंत्री ने रविवार को राजस्थान के बांसवाड़ा से कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाया। मोदी ने कहा कि अगर कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आती है तो वह लोगों की संपत्ति लेकर मुसलमानों को बांट देगी। इसके लिए मोदी ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के बयान का भी हवाला दिया। मोदी ने मनमोहन सिंह के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि देश के संसाधनों पर ‘पहला हक’ अल्पसंख्यक समुदाय का है।

पीएम ने कहा कि ये अर्बन नक्सल वाली सोच है, मेरी माताओं- बहनों ये आपका मंगलसूत्र भी बचने नहीं देंगे। इस हद तक चले जाएंगे। मोदी के इस बयान के बाद एक बार फिर देश की राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इसे हेट स्पीच की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि आज मोदी जी के बौखलाहट भरे भाषण से दिखा कि प्रथम चरण के नतीजों में INDIA जीत रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसे हेट स्पीच की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि आज मोदी जी के बौखलाहट भरे भाषण से दिखा कि प्रथम चरण के नतीजों में INDIA जीत रहा है।

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, ‘ वे देश को हिंदू-मुसलमान के नाम पर झूठ परोसकर बांट रहे हैं। मेरी पीएम मोदी को चुनौती है कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में कहीं भी ‘हिंदू-मुसलमान’ शब्द लिखा हो तो दिखा दें। यह चुनौती स्वीकार करें, या झूठ बोलना बंद कर दें। पार्टी ने एक फैक्ट चेक को भी ट्वीट किया है जिसमें यह साफ़ किया गया है कि मनमोहन सिंह ने कभी भी नहीं कहा है कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार मुसलमानों का है।

मनमोहन सिंह के जिस बयान को लेकर पीएम मोदी ने जो हमला किया है वह दरअसल, क़रीब 18 साल पहले के एक बयान से संबंधित है। 9 दिसंबर 2006 को प्रधानमंत्री के रूप में मनमोहन सिंह ने नेशनल डेवलपमेंट काउंसिल यानी राष्ट्रीय विकास परिषद को संबोधित किया था। उन्होंने भाषण अंग्रेजी में दिया था। उसका हिंदी अनुवाद है- ‘मैं मानता हूँ कि हमारी सामूहिक प्राथमिकताएं साफ़ हैं। ये हैं- कृषि, सिंचाई- जल संसाधन, स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण बुनियादी ढांचे में अहम निवेश और सामान्य बुनियादी ढांचे के लिए ज़रूरी सार्वजनिक निवेश।

इसके साथ ही अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए कार्यक्रम, अल्पसंख्यक और महिलाएं और बच्चों के लिए कार्यक्रम भी सामूहिक प्राथमिकताएँ हैं। अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए योजनाओं को पुनर्जीवित करने की ज़रूरत है। हमें नई योजना लाकर ये सुनिश्चित करना होगा कि अल्पसंख्यकों का और खासकर मुस्लिमों का भी उत्थान हो सके, विकास का फायदा मिल सके। इन सभी का संसाधनों पर पहला अधिकार है। केंद्र के पास बहुत सारी जिम्मेदारियां हैं, और पूरे संसाधनों की उपलब्धता में सबकी ज़रूरतों को शामिल करना होगा।’

राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने मोदी से पूछा कि यह कैसी राजनीति और संस्कृति है? सिब्बल ने कहा कि चुनाव आयोग को पीएम मोदी की टिप्पणी की निंदा करनी चाहिए और उन्हें नोटिस जारी करना चाहिए। कपिल सिब्बल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘आप भाषण दे रहे हैं कि कांग्रेस महिलाओं की संपत्ति घुसपैठियों और आतंकवादियों को दे देगी। क्या इस देश के 20 करोड़ लोगों का कोई महत्व नहीं है? क्या उनकी कोई आकांक्षा नहीं है?’

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘मोदी ने आज मुसलमानों को घुसपैठिए बुलाया और कहा कि उनके ज़्यादा बच्चे होते हैं। 2002 से लेकर अब तक, मोदी की बस एक ही गारंटी रही है: भारत के मुसलमानों को गालियां दो और वोट बटोरो। अगर बात मुल्क की संपत्ति की हो रही है तो मोदी सरकार में देश के धन पर पहला हक़ उनके अरबपति दोस्तों का रहा है। भारत के 1% लोग आज देश का 40% धन खा गए। आम हिन्दुओं को मुसलमानों का डर दिखाया जा रहा है, पर सच तो यही है कि आपके पैसों से कोई और अमीर हो रहा है।’

राहुल गांधी ने पीएम के भाषण पर कहा कि पहले चरण के मतदान में निराशा हाथ लगने के बाद नरेंद्र मोदी के झूठ का स्तर इतना गिर गया है कि घबरा कर वह अब जनता को मुद्दों से भटकाना चाहते हैं। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ज़हरीली भाषा में दुनिया भर की बातें बोलते हैं। उन्हें एक सीधे से सवाल का जवाब भी देना चाहिए – 1951 से हर दस साल के बाद जनगणना होती आ रही है। इससे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की आबादी का वास्तविक डेटा सामने आता है। इसे 2021 में कराया जाना चाहिए था लेकिन आज तक किया नहीं गया। इस पर प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं? यह बाबासाहेब अंबेडकर के संविधान को ख़त्म करने की साज़िश है।’

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