एग्जिट पोल और किसी तरह के सर्वे पर पूरी तरह विश्वास नहीं किया जा सकता: उम्र अब्दुल्ला

एग्जिट पोल और किसी तरह के सर्वे पर पूरी तरह विश्वास नहीं किया जा सकता: उम्र अब्दुल्ला

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हाल ही में सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के जरिए एग्जिट पोल और सर्वेक्षणों पर अविश्वास जताया। उमर अब्दुल्ला ने अपनी पोस्ट में कहा कि टीवी चैनलों द्वारा एग्जिट पोल के परिणामों को लेकर की जा रही चर्चा और चिंता व्यर्थ है, विशेष रूप से हाल के लोकसभा चुनावों में एग्जिट पोल के विफल होने के बाद।

उन्होंने कहा कि वे टीवी चैनलों, सोशल मीडिया, व्हाट्सएप जैसी सभी जगहों पर हो रहे शोरगुल को नज़रअंदाज कर रहे हैं, क्योंकि 8 अक्टूबर को होने वाली मतगणना के वास्तविक परिणाम ही मायने रखेंगे। बाकी सब बस समय व्यतीत करने जैसा है।

उमर अब्दुल्ला ने अपने बयान में जोर देकर कहा कि एग्जिट पोल या किसी तरह के सर्वे पर पूरी तरह भरोसा नहीं किया जा सकता है, क्योंकि ये सिर्फ अनुमान होते हैं, जो अक्सर गलत साबित होते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पिछले लोकसभा चुनावों में एग्जिट पोल पूरी तरह असफल रहे थे।

हाल ही में जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव हुए हैं, और इसके बाद कई टीवी चैनलों और समाचार माध्यमों द्वारा एग्जिट पोल जारी किए गए हैं। अधिकांश एग्जिट पोल नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) को राज्य की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने की भविष्यवाणी कर रहे हैं। इसके बाद भाजपा दूसरे स्थान पर दिख रही है। एग्जिट पोल्स में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन को 90 सदस्यीय विधानसभा में आधे से अधिक सीटें जीतते हुए दिखाया गया है।

हालांकि, कुछ एग्जिट पोल में महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) को ‘किंगमेकर’ की भूमिका निभाने वाला बताया जा रहा है। दैनिक भास्कर रिपोर्टर्स पोल के अनुसार, पीडीपी कुछ सीटों पर जीत हासिल कर सकती है, जो उसे सरकार गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अवसर दे सकती है।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव तीन चरणों में, 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को संपन्न हुए थे। मतगणना 8 अक्टूबर को होगी, जिसके बाद वास्तविक स्थिति स्पष्ट होगी।

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