सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार को लगाई फटकार! जीवन से अनमोल कुछ नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार को ईद-उल-अज़हा के दौरान राज्य में कोविद-19 प्रतिबंधों में ढील देने का निर्देश दिया था जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा केरल सरकार की तरफ से ईद-उल-अज़हा के दौरान राज्य में कोविद-19 प्रतिबंधों में ढील देना “आश्चर्यजनक” है।
इंडिया टीवी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने ये भी चेतावनी दी कि अगर राज्य सरकार द्वारा Covid-19 प्रतिबंधों में ढील देने के बाद कोरोना संक्रमण फैलता है तो राज्य सरकार खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने का कहना है कि “हम केरल को संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत बक़रीद और कांवड़ यात्रा पर अपने फैसले पर ध्यान देने का निर्देश देते हैं।” अदालत ने कहा कि कोई भी दबाव भारतीय नागरिक के जीवन के अनमोल अधिकार का उल्लंघन नहीं कर सकता है। कोर्ट ने कहा कि किसी भी तरह की दुर्घटना होने पर इसे हमारे संज्ञान में लाया जा सकता है और उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि अगर ईद-उल-अज़हा के कारण केरल सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के दौरान कोविद-19 संक्रमण फैलता है, तो कोई भी इस मामले को अदालत के संज्ञान में ला सकता है. इसके बाद कोर्ट उचित कार्रवाई करेगी।
लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील देने के अपने फैसले का बचाव करते हुए, केरल सरकार ने अपने हलफनामे में कहा था कि “इस बात पर ध्यान दिया जाना चाहिए कि लोखड़ौन के कारण आर्थिक मंदी ने आबादी को बहुत दुख में डाल दिया है। भले ही राज्य सरकार ने सभी संभव कदम उठाए हो लेकिन इसके बावजूद ज़्यादातर आबादी आर्थिक मंदी का शिकार है ।”
राज्य सरकार ने कहा कि व्यापारियों को उम्मीद थी कि त्योहार की बिक्री कुछ हद तक उनके दुखों को कम करेगी और उन्होंने इस उद्देश्य के लिए बहुत पहले ही माल का स्टॉक कर लिया था।
बता दें कि 17 जुलाई को केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने एक संवाददाता सम्मेलन में रियायतों की घोषणा की थी और कहा था कि 21 जुलाई को मनाई जा रही बकरीद (ईद-उल-अजहा) के मद्देनजर कपड़ा, जूते की दुकानें, आभूषण, फैंसी स्टोर, घर बेचने वाली दुकानें श्रेणी ए, बी और सी क्षेत्रों में उपकरणों और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं, सभी प्रकार की मरम्मत की दुकानों और आवश्यक वस्तुओं की बिक्री करने वाली दुकानों को 18, 19 और 20 जुलाई को सुबह 7 बजे से रात 8 बजे तक खोलने की अनुमति दी जाएगी।