ईरान के साथ परमाणु समझौते से निकलना अमेरिका के सबसे बुरे फैसलों में से एक था: ब्लिंकन

ईरान के साथ परमाणु समझौते से निकलना अमेरिका के सबसे बुरे फैसलों में से एक था: ब्लिंकन  अमेरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से हटने को अमेरिकी विदेश नीति के सबसे खराब फैसलों में से एक बताया।

ईरान के साथ परमाणु समझौते से निकलने के अमेरिका के फैसले पर बात करते हुए ब्लिंकन ने कहा कि  हाल ही में अमेरिकी विदेश नीति में सबसे खराब कार्रवाइयों में से एक उस परमाणु समझौते से बाहर निकलना रहा है, जिसके परिणामस्वरूप अब हम एक चुनौतीपूर्ण स्थिति में हैं। ईरान के साथ परमाणु समझौते पर अमेरिका के लिए गए इस निर्णय पर अमेरिकी विदेश मंत्री संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से हटने पर खेद व्यक्त करते हैं, जबकि वर्तमान अमेरिकी प्रशासन ईरान के खिलाफ पिछले अमेरिकी प्रशासन के अधिकतम दबाव की नीति को बनाए रखे हुआ है और 2015 के परमाणु समझौते के दौरान ईरान पर लगाए गए सभी प्रतिबंधों को हटाने से इनकार कर रहा है।

एंथनी ब्लिंकन ने  कहा कि हम अभी भी मानते हैं कि कूटनीति ईरानी परमाणु चुनौती को हल करने का सबसे अच्छा तरीका है। ब्लिंकन ने कहा कि परमाणु समझौते पर ईरान से अनिश्चित काल तक बातचीत नहीं की जा सकती है। रिपोर्टर द्वारा ये पूछने पर कि क्या आगे कोई कूटनीति होगी, ब्लिंकन ने जवाब दिया कि किसी मौके पर ऐसा हो भी सकता है। ब्लिंकन ने कहा कि पहली चीज जो हमें करने की ज़रूरत है वह है परमाणु समस्या को वापस बॉक्स में रखना, परमाणु समझौते पर बहस करना एक शुरुआत है जिससे ईरान को अन्य मुद्दों को भी उठाने का मौका मिल जाएगा।

आपको बता दें कि परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के लिए तेहरान और वाशिंगटन के बीच अप्रत्यक्ष वार्ता हुई थी, जिसमें तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 2018 में संयुक्त राज्य अमेरिका को वापस ले लिया था, वहीं इरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के इस्लामिक गणराज्य के राष्ट्रपति चुने जाने के दो दिन बाद 20 जून को यह वार्तालाप स्थगित कर दिया था।

 

 

 

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