टीएलपी से बैन हटाने के लिए पंजाब कैबिनेट ने प्रस्ताव पास किया फ्रांस में पैगंबर साहब के विवादित कार्टून के बाद से ही पाकिस्तान में जमकर विरोध प्रदर्शन करने वाले तहरीके लब्बैक पाकिस्तान पर प्रतिबंध हटाने के लिए पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने सिफारिशों को मंजूरी दे दी है।
टीएलपी पर लगे प्रतिबंधों को समाप्त करने के लिए पाकिस्तान की पंजाब कैबिनेट ने कई सिफारिशों को मंजूरी दी है। एआरवाई न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार गृह विभाग द्वारा की गई सिफारिशों के बाद पंजाब कैबिनेट ने टीएलपी पर से प्रतिबंध हटाने को मंजूरी दे दी है।
कहा जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय से भी पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बुज़दार ने प्रतिबंध हटाने की अपील करते हुए सारांश भेजा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पंजाब के मुख्यमंत्री की ओर से मंजूरी मिलने के बाद गृह विभाग केंद्रीय गृह मंत्रालय को चिट्ठी लिखते हुए प्रतिबंध हटाने की मांग करेगा।
याद रहे कि टीएलपी और सरकारी समिति के बीच वार्ता के बाद इस संगठन से प्रतिबंध हटाने के लिए दोनों पक्षों में सहमति बन गई थी जिसके बाद पंजाब गृह विभाग ने मुख्यमंत्री से सिफारिश की थी कि टीएलपी से प्रतिबंध हटा दें। ARY ने रिपोर्ट देते हुए कहा है कि गृह विभाग ने प्रतिबंध हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और इस संबंध में मुख्यमंत्री को जरूरी दस्तावेज भेज दिए गए हैं।
गत रविवार को इमरान सरकार और टीएलपी समूह के बीच वार्ता के बाद खबरें आई थी कि सरकार टीएलपी पर लगे प्रतिबंध को हटा सकती है। पाकिस्तान में कई हफ्तों तक टीएलपी के विरोध प्रदर्शनों एवं हिंसक झड़पों के बाद सरकार और टीएलपी समर्थकों के बीच समझौता हुआ था।
टीएलपी समर्थकों ने अपने प्रमुख साद रिजवी की रिहाई की मांग को लेकर कई हफ्ते पाकिस्तान की सड़कों को जाम करते हुए जमकर उत्पात मचाया था।
फ्रांस में पैगंबर साहब के विवादित कार्टून के बाद से ही टीएलपी ने पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन करते हुए सरकार से मांग की है कि वह फ्रांस के राजदूत को पाकिस्तान से तत्काल बाहर निकाले लेकिन पाकिस्तान सरकार यूरोप से अपने संबंधों को लेकर बेहद चिंतित है और उसने कहा था कि अगर सरकार ऐसा कोई कदम उठाती है तो पाकिस्तान के लिए यूरोप में कई कठिनाइया उत्पन्न हो जाएंगी।
टीएलपी और पाकिस्तान सरकार के बीच हुए समझौते के बाद पाकिस्तान सरकार ने टीएलपी के लगभग 860 सदस्यों को आजाद कर दिया था। टीएलपी की मांग है कि उसके समस्त कार्यकर्ताओं को रिहा किया जाए और उन पर दर्ज मुकदमे रद्द किए जाएं।