ब्रिटेन में पूरे देश में फैली हिंसा, 400 उपद्रवी गिरफ्तार
ब्रिटेन: प्रवासियों के खिलाफ हिंसा पूरे देश में फैलती हुई नजर आ रही है। प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने इस बीच एक आपातकालीन बैठक में प्रशासन को प्रभावी कार्रवाई के निर्देश जारी करते हुए घोषणा की है कि हिंसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने श्वेत उग्रवादियों की हरकतों की निंदा करते हुए चेतावनी दी कि यह प्रदर्शन नहीं हैं बल्कि हिंसक घटनाएं हैं जिन्हें सहन नहीं किया जाएगा। सोमवार रात को हिंसा बेलफास्ट, डार्लिंगटन और प्लाईमाउथ जैसे नए क्षेत्रों में फैल गई।
प्रधानमंत्री की आपातकालीन बैठक
ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की अध्यक्षता में सोमवार शाम को हुई आपातकालीन बैठक में मंत्री और पुलिस अधिकारी शामिल हुए, जिनमें स्कॉटलैंड यार्ड के प्रमुख मार्क रॉली भी शामिल थे। बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए स्टार्मर ने बताया कि अपराधियों के खिलाफ तुरंत और प्रभावी कार्रवाई के लिए सरकार न्याय प्रणाली को मजबूत बनाएगी।
उत्तर पश्चिम में स्थित शहर साउथपोर्ट में सोमवार रात एक हमलावर ने टेलर स्विफ्ट की थीम पर आयोजित एक पार्टी में चाकू से हमला कर तीन नाबालिग लड़कियों की हत्या कर दी और पांच अन्य को घायल कर दिया था। इस घटना का उपयोग मुस्लिमों और प्रवासियों के खिलाफ नफरत फैलाने के लिए किया गया। सोशल मीडिया पर फैलाई गई संदेशों की वजह से मुस्लिमों और प्रवासियों के खिलाफ हमले शुरू हो गए हैं जो कई दिन बीत जाने के बाद भी थम नहीं रहे हैं। एक हफ्ते में पुलिस ने विभिन्न क्षेत्रों में 400 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है।
हिंसा में शामिल लोगों को चेतावनी
प्रधानमंत्री ने प्रदर्शनकारियों को चेतावनी दी है कि वे ब्रिटेन में 13 वर्षों में होने वाले सबसे खराब दंगों में हिस्सा लेने पर पछताएंगे। गृह सचिव येवेट कूपर ने भी ब्रिटिश प्रसारण निगम (बीबीसी) को बताया कि आपराधिक अव्यवस्था में शामिल लोगों को सख्त सजा दी जाएगी।
“इंग्लिश डिफेंस लीग” पर दंगा फैलाने का आरोप
पुलिस ने हालिया हिंसक घटनाओं की जिम्मेदारी इस्लाम विरोधी संगठन “इंग्लिश डिफेंस लीग” के समर्थकों और इससे जुड़े अन्य संगठनों पर लगाई है। रविवार को उत्तरी इंग्लैंड के शहर रॉदरहैम में नकाबपोश प्रदर्शनकारियों ने शरणार्थियों के लिए बनाए गए एक होटल के शीशे तोड़ दिए। इस घटना में कम से कम 10 पुलिस अधिकारी घायल हुए, जिनमें से एक बेहोश हो गया था। उत्तर पश्चिमी क्षेत्र बोल्टन और उत्तर पूर्वी क्षेत्र मिडल्सबरो में भी बड़े पैमाने पर झड़पें हुईं, जहां प्रदर्शनकारियों ने घरों और गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए जबकि पुलिस ने 43 लोगों को गिरफ्तार किया।
पुलिस भी दंगाइयों के निशाने पर
हंगामा करने वालों ने पुलिस पर ईंटें, बोतलें, और आग के गोले फेंके जिससे कई पुलिस अधिकारी घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों ने इस्लाम विरोधी नारे लगाए, लूटपाट की और दुकानों को भी आग के हवाले कर दिया। लिवरपूल में ईसाई, मुस्लिम और यहूदी धार्मिक नेताओं ने प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की है। अधिकारियों का कहना है कि हालिया प्रदर्शनों की शुरुआत आंशिक रूप से हत्या के आरोपी ब्रिटिश मूल के 17 वर्षीय एकसेल रोडाकोबाना की पहचान के संबंध में सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों के कारण हुई थी।
गृह सचिव येवेट कूपर ने इन प्रदर्शनों में सोशल मीडिया के प्रभाव को “रॉकेट बूस्टर” के समान बताया है, जिसके माध्यम से भड़काऊ सामग्री तेजी से फैलाई गई और अशांति में वृद्धि हुई। उत्तेजित व्यक्तियों ने कम से कम 2 मस्जिदों को भी निशाना बनाया है। इसके बाद कूपर ने रविवार को मुस्लिमों की उपासना स्थलों को आपातकालीन सुरक्षा प्रदान करने की घोषणा की। दिलचस्प बात यह है कि जिस घटना के लिए मुस्लिम युवक को जिम्मेदार ठहराकर मुस्लिमों के खिलाफ नफरत फैलाई जा रही है, उस मामले में गिरफ्तार युवक की पहचान एक ईसाई के रूप में हुई है।