राम मंदिर का निर्माण सरकार ने नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट ने कराया है: उद्धव
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा कि उन्हें अगले माह अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन समारोह का न्योता नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर जाने के लिए मुझे न्योते की जरूरत नहीं है, क्योंकि रामलला सभी के हैं। मेरी सिर्फ एक ही विनती है कि राम मंदिर के उद्घाटन का राजनीतिकरण न हों।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि, रामलला किसी एक पार्टी की प्रॉपर्टी नहीं हैं, बल्कि लाखों-करोड़ों भक्तों के आस्था और श्रद्धा का स्थान है। इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए। उद्धव ठाकरे ने राम मंदिर के निर्माण कार्य पर खुशी जताते हुए कहा कि राम मंदिर के निर्माण का फैसला सरकार ने नहीं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट ने दिया था। इसलिए मेरा मानना है कि राम मंदिर का निर्माण हमारे लिए खुशी और गर्व की बात है।
उद्धव ने कहा कि रामलला के दर्शन करने के लिए उन्हें किसी के न्योते की जरूरत नहीं है। उनका जब मन करेगा वे अयोध्या जाएंगे। उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुझे कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कोई न्योता नहीं भेजा गया है। 22 जनवरी को ही अयोध्या जाया जाए ये कोई जरूरी नहीं है। मैं जब चाहूंगा जब मेरा मन होगा मैं रामलला के दर्शन करने जा सकता हूं। इसके लिए मुझे किसी के निमंत्रण देने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा, राम मंदिर के निर्माण में सभी का हाथ है, इसके लिए सैंकड़ों लोगों ने अपना बलिदान दिया है। राम मंदिर को बीजेपी ने नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट ने बनाया है। ऐसे में इस पर राजनीति नहीं होना चाहिए,जब राम मंदिर का निर्माण नहीं हुआ था मैं तब भी रामलला के दर्शन करने अयोध्या गया था और आगे भी जब मैं चाहूंगा तब अयोध्या जाऊंगा।
बता दें कि, 22 जनवरी को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कई राजनीतिक हस्तियों को न्योता नहीं भेजा गया, इसलिए कई नेताओं ने अपनी नाराजगी जाहिर की है। ऐसे में मंदिर ट्रस्ट को सभी गणमान्य नेताओं को सम्मान सहित न्योता भेजना चाहिए, क्योंकि राम सबके हैं और सबके मन में राम बसे हैं।