मुसलमानों के खिलाफ नीतेश राणे की भड़काऊ बयानबाजी जारी
मुंबई: बीजेपी विधायक नीतेश राणे ने एक बार फिर मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी की है, जिसका जवाब देते हुए उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने मुसलमानों के जख्मों पर मरहम लगाने की कोशिश की है। हालांकि, उन्होंने अपने बयान में नीतेश राणे का नाम लेने की हिम्मत नहीं की। इस बार विपक्ष के अलावा एकनाथ शिंदे की पार्टी के राज्य मंत्री उदय सामंत ने भी इस बयान की आलोचना की है।
नीतेश राणे ने क्या कहा?
नीतेश राणे ने एक दिन पहले पनवेल में ‘संकल्प सामाजिक संस्था’ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में लोगों को यह शपथ दिलाई कि वे भविष्य में मुसलमानों के साथ कोई लेन-देन नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, “आप लोग यहां से यह संकल्प लेकर जाएं कि भविष्य में जो भी खरीदारी करेंगे, वह केवल हिंदुओं से ही करेंगे। इन हरे सांपों को दूध पिलाने की कोई जरूरत नहीं है।” उन्होंने ज़हर उगलते हुए कहा कि “इस्लाम में लिखा है कि इन हिंदुओं को इस्लाम में शामिल करो और अगर वे नहीं होते हैं तो उन्हें मार दो।” उन्होंने पनवेल के एस्टेट एजेंटों से यह भी कहा कि वे मकान खरीदने वालों से पहले उनका आधार कार्ड मांगें।
अजित पवार का बिना नाम लिए विरोध नीतेश राणे के बयान के बाद उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने पुणे में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि “कुछ नेता एक खास समाज के खिलाफ ज़हर उगल रहे हैं। लेकिन हम इस तरह के बयान का…” वे कहना चाहते थे कि हम इस तरह के बयान का समर्थन नहीं करेंगे, फिर उन्होंने अपने वाक्य को थोड़ा सख्त करते हुए कहा, “हम इस तरह के बयान का विरोध करते हैं।” उन्होंने कहा, “शाहू, फुले और आंबेडकर के महाराष्ट्र में इस तरह किसी खास समुदाय के बारे में ज़हर उगलना कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसे महाराष्ट्र में कोई जगह नहीं दी जाएगी।” हालांकि अजित पवार ने अपनी स्पीच में नीतेश राणे का नाम तक नहीं लिया।
शिवसेना (शिंदे गुट) ने नीतेश राणे के इस बयान की निंदा की
शिवसेना (शिंदे गुट) की ओर से उनके इस बयान की निंदा की गई है। कैबिनेट मंत्री उदय सामंत ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि किसी को भी दो धर्मों के मानने वालों के बीच तनाव पैदा करने का काम नहीं करना चाहिए। यह गलत है। उदय सामंत ने कहा, “कोई गलती करता है तो उसे सजा जरूर मिलनी चाहिए, लेकिन समुदायों में तनाव पैदा करना ठीक नहीं है।” जबकि मुंबई बीजेपी के अध्यक्ष आशीष शेलार ने इसके विपरीत नीतेश राणे का समर्थन किया है। उनका कहना है कि लोगों को इस सवाल का जवाब ढूंढना चाहिए कि नीतेश को ऐसा क्यों कहना पड़ा। उन्होंने कहा कि महाविकास अघाड़ी संविधान को मजबूत करने की कोशिश में साथ क्यों नहीं दे रही है? वह खुद दो समुदायों को बांट रही है।
बीजेपी ने नीतेश जैसे लोगों को खुला छोड़ रखा है
एआईएमआईएम इस दौरान एआईएमआईएम के राज्य अध्यक्ष इम्तियाज जलील ने कहा कि “बीजेपी और देवेंद्र फडणवीस ने कुछ लोगों को राज्य में शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने और सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के लिए खुला छोड़ रखा है। इसी कारण कई शिकायतें करने के बावजूद नीतेश राणे नहीं सुधर रहे हैं और न ही पुलिस उनके खिलाफ कोई कार्रवाई कर रही है।” उन्होंने आगे कहा, “वैसे भी नीतेश की बात सुनता कौन है।”
गृह मंत्रालय और डीजीपी को ध्यान देना चाहिए एनसीपी (शरद गुट) के प्रवक्ता विकास लवांडे ने एक वीडियो जारी कर नीतेश राणे के बयान की निंदा की है और गृह मंत्रालय तथा महाराष्ट्र की डीजीपी रश्मि शुक्ला से इस पर ध्यान देने की मांग की है। उन्होंने कहा, “यह देश में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने वाला बयान है। अगर गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस इस पर चुप हैं तो इससे बड़ी लाचारी क्या हो सकती है?”
उन्होंने मांग की कि “सांप्रदायिक तनाव पैदा करने वाले बयान देने पर गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस और डीजीपी रश्मि शुक्ला को नीतेश राणे के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।” याद रहे कि नीतेश राणे के खिलाफ राज्य के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में कई एफआईआर दर्ज हैं, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।