VVPAT के मुद्दे पर जयराम रमेश ने CEC से समय मांगा

VVPAT के मुद्दे पर जयराम रमेश ने CEC से समय मांगा

2023 में 5 राज्यों के चुनावों में हिंदी बेल्ट के 3 राज्य, राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीगढ़ में बीजेपी के भारी बहुमत के साथ जीते जाने के बाद से ही विपक्ष की तरफ से लगातार ईवीएम पर सवाल उठाए जा रहे हैं। विपक्ष के नेता ईवीएम पर भरेसा ना होने की बात कह रहें हैं। जिसके चलते अब कांग्रेस महासचिव ने चुनाव आयोग से इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए समय की मांग की है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के नेताओं की एक टीम को वीवीपीएटी पर उनका दृष्टिकोण रखने के लिए उनसे और उनके सहयोगियों से मिलने का अवसर प्रदान किया जाए।

कुमार को लिखे पत्र में रमेश ने कहा कि 20 दिसंबर, 2023 को ‘इंडिया’ के घटक दलों के नेताओं ने हाल में आयोजित गठबंधन के नेताओं की एक दिन पहले हुई बैठक में पारित एक प्रस्ताव के आधार पर “वीवीपीएटी के उपयोग पर चर्चा करने और सुझाव देने” के लिए भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) से समय देने का अनुरोध किया था।

रमेश ने बताया कि दो अक्टूबर, 2023 को हमारे द्वारा वकील के माध्यम से एक और प्रतिवेदन भेजा गया था। उन्होंने कहा कि प्रतिवेदन ने विशिष्ट चिंताएं उठाईं, जिनका ईसीआई के 23 अगस्त, 2023 के स्पष्टीकरण में समाधान नहीं किया गया। रमेश का पत्र विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के इस दावे के कुछ दिनों बाद आया है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की कार्यप्रणाली के निर्विवाद होने को लेकर कई संदेह हैं और सुझाव दिया कि वीवीपीएटी पर्चियां मतदाताओं को सौंपी जाएं और इसकी 100 प्रतिशत गिनती बाद में की जाए।

कई विपक्षी दलों के नेताओं ने, खासकर राज्य विधानसभा चुनावों में भाजपा की हालिया जीत के बाद, ईवीएम के मुद्दे पर विचार-विमर्श किया, और महसूस किया कि पूरे विपक्षी गठबंधन को इस मामले को एकजुट होकर लोगों के सामने उठाना चाहिए।

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