अत्याचार के बाद भी इज़रायल को फ़िलिस्तीन में कुछ नहीं मिलेगा: हसन नसरुल्लाह
हिज़्बुल्लाह प्रमुख हसन नसरुल्लाह ने शहीद दिवस के अवसर पर अपने भाषण में ग़ाज़ा में इज़रायल के अत्याचार, हमलों, बमबारी और प्रतिरोधक बलों द्वारा मज़बूती के साथ किए जा रहे मुक़ाबले और अंजाम दी जा रही कार्यवाहियों पर बहुत ही विस्तार से बातचीत की।
बता दें कि नवंबर में लेबनान में शहीद दिवस मनाया जाता है। इस मौक़े पर हर साल हिज़्बुल्लाह महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह आम लोगों को संबोधित करते हैं। सैयद हसन नसरुल्लाह ने शहीद दिवस और अहमद क़सीर की शहादत की बर्सी के अवसर पर अपने भाषण में कहा कि आज लेबनान के शहरों में कई लेबनानी शहीदों की शवयात्रा निकाली गई।
हसन नसरुल्लाह ने कहा कि शहीद दिवस, हिज़्बुल्लाह के सभी शहीदों का दिन है। उन्होंने कहा कि शहादत जीत की बुनियाद है, जैसा कि ईरान की इस्लामी क्रांति के संस्थापक स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी (र) ने करबला के बारे में कहा था, तलवार पर ख़ून विजयी प्राप्त करता है। हिज़्बुल्लाह महासचिव ने कहा कि 41 साल पहले से लेकर आज तक हम यही कहते हैं कि हमारे शहीद अल्लाह के रास्ते में अपनी क़ुर्बानी पेश करते हैं और वे उच्च कोटि के शहीद हैं।
सैयद हसन नसरुल्लाह ने शहीद दिवस के अवसर पर कहा कि हमें इस दिन जो प्रतिरोध के शहीदों का दिवस है, हमें शहीदों और उनके परिवारों पर गर्व है। हमें उन शहीद कमांडरों और विद्वानों पर गर्व है जो सभी लड़ाईयों में और हर जगह बेगुनाह पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की रक्षा करते हुए शहीद हुए हैं। उन्होंने कहा कि फ़िलिस्तीन का भविष्य पूरी तरह रौशन है।
हिज़्बुल्लाह महासचिव ने कहा कि इस बात में भी कोई शक नहीं है कि ग़ाज़ा में बर्बतापूर्ण तरीक़े से इज़रायल अपने हमलों के ज़रिए आम लोगों, विशेषकर बच्चों का नरसंहार कर रहा है, यह हमारे दिलों को दुख पहुंचा रहा है, लेकिन हमे उम्मीद है कि इस युद्ध में जीत फ़िलिस्तीनी राष्ट्र की ही होगी और बहुत जल्द हम सब मस्जिदुल अक़्सा में नमाज़ अदा कर रहे होंगे। तलवार पर ख़ून की जीत होगी, शहादत विजय की बुनियाद है।
उन्होंने कहा कि ग़ाज़ा पट्टी में आक्रमण और युद्ध, इज़रायल का बर्बर और असीमित बदला है। ग़ाज़ा में जो कुछ हो रहा है उसका उद्देश्य क्षेत्र के देशों को आत्म समर्पण की संस्कृति को स्वीकार करने के लिए मजबूर करना है और यह कहना है कि प्रतिरोध की क़ीमत बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में प्रतिरोध ईरान की बदौलत है। इसके लिए ईरानी राष्ट्र ने बड़ी क़ुर्बानियां दी हैं।
सैयद हसन नसरुल्लाह ने कहा कि यहूदी शासन दुनिया की आंखों के सामने ग़ाज़ा पट्टी में अस्पतालों पर खुलेआम जानलेवा हमले कर रहा है। ग़ाज़ा पट्टी में इज़रायल की क्रूरता में प्रत्येक दिन तेज़ी आई है। हिज़्बुल्लाह महासचिव ने कहा कि इन हत्याओं से इज़रायल फ़िलिस्तीनी राष्ट्र और क्षेत्र के राष्ट्रों को घुटनों पर नहीं ला पाएगा। यह अपराध 75 वर्षों से ऐसे ही चल रहे हैं और जिसका परिणाम अधिक प्रतिरोध और दृढ़ संकल्प है।
उन्होंने कहा कि अवैध इज़रायली शासन ग़ाज़ा में अपने अपराधों और क्रूर हत्या करके लेबनान को भी डराना और धमकाना चाहता है। सैयद हसन नसरुल्लाह ने कहा कि नरसंहार, इज़रायल की खिसियाहट और बौखलाहट है, लेकिन उसको यह जान लेना चाहिए कि उसके सारे लक्ष्य धरे के धरे रह जाएंगे। उन्होंने कहा कि इज़रायल को हार का सामना करना ही पड़ेगा। हिज़्बुल्लाह महासचिव ने कहा कि नरसंहारों के बावजूद प्रतिरोध की संस्कृति पीढ़ी दर पीढ़ी फैलती गई जिसका नतीजा 7 अक्टूबर 2023 को क़स्साम ब्रिगेड द्वारा अंजाम दिया गया अलअक़्सा तूफ़ान अभियान था।
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से, कुछ अरब मीडिया और लेखक, जानबूझकर या अनजाने में, इज़रायल के लक्ष्यों को साकार करने में मदद करते हैं, लेकिन यह सभी साज़िशें पूरी तरह नाकाम होंगी और अंतिम विजय फ़िलिस्तीनी राष्ट्र की ही होगी। सैयद नसरुल्लाह ने कहा कि इज़रायल को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पूरी तरह ना उम्मीद हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे राष्ट्रों ने यह साबित कर दिया है कि उन्होंने जिस चीज़ को चुना है वह उनकी जीत, स्वतंत्रता और सम्मान है।
हिज़्बुल्लाह महासचिव ने कहा कि एकमात्र व्यक्ति जो इस आक्रमण को रोक सकता है वह वही है जो वास्तव में इसे निर्देशित कर रहा है, और वह अमेरिकी सरकार है। सारा दबाव अमेरिकियों पर होना चाहिए। फ़िलिस्तीनी चाहते हैं कि अरब और इस्लामिक देशों के प्रमुखों की बैठक में कम से कम एक साझा रुख अपनाया जाए। फ़िलिस्तीनियों को उम्मीद है कि रियाज़ में शनिवार होने आयोजित हुई बैठक अमेरिकी सरकार पर इस आक्रमण को रोकने के लिए दबाव डाल सकती है।