पश्चिम बंगाल में जाँच करने गई एनआईए के अफसरों पर महिलाओं से छेड़छाड़ का केस
पश्चिम बंगाल: एनआईए की टीम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर के भूपतिनगर में एक विस्फोट मामले की जांच कर रही है। इस दौरान एक एनआईए की टीम पर भीड़ ने हमला कर दिया था। रविवार को पुलिस ने एक महिला की शिकायत पर एनआईए की टीम पर ही छेड़छाड़ का मामला दर्ज कर दिया है।
एनआईए पूर्वी मेदिनीपुर में 2022 में हुए विस्फोट की जांच कर रही है। इसकी एक टीम पर शनिवार को हमला किया गया था। एनआईए ने शनिवार को भूपतिनगर थाने में हमले की लिखित शिकायत भी दर्ज करायी। मामले के संबंध में अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। कुछ घंटे बाद ही जिला पुलिस ने एनआईए अधिकारियों पर छेड़छाड़ के आरोप में मामला दर्ज किया।
एक वरिष्ठ जिला पुलिस अधिकारी ने कहा, “एनआईए अधिकारियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 और 354 बी के साथ-साथ अतिक्रमण, शरारत और गंभीर चोट पहुंचाने सहित कई अन्य आरोपों के तहत कथित तौर पर शील भंग करने का मामला दर्ज किया गया है।” एनआईए ने अपने खिलाफ लगाए गए “गैरकानूनी कार्यों” के आरोपों से इनकार किया है और विवाद को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताया है। एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि वे छेड़छाड़ की एफआईआर पर रोक लगाने के लिए अदालत जाएंगे।
एनआईए 3 दिसंबर 2022 को हुए विस्फोट के सिलसिले में जाँच कर रही है। उस विस्फोट में तीन लोग मारे गए थे। विस्फोट के सिलसिले में टीएमसी के दो कार्यकर्ताओं को उठाने के बाद शनिवार को भूपतिनगर में एनआईए टीम पर हमला किया गया। दो प्रमुख साजिशकर्ताओं- बलाई मैती और मनोब्रत जना को पूछताछ के लिए उठाए जाने के बाद कथित तौर पर हमले में एनआईए के दो अधिकारियों को मामूली चोटें आईं। इसके बाद आरोपियों के परिवार वालों की तरफ़ से गंभीर आरोप लगाए गए।
इस बीच पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. आरिज आफताब ने भूपतिनगर घटना पर रिपोर्ट मांगी है। एनआईए के साथ हुए इन घटनाक्रमों को लेकर राज्य में राजनीति गरमा गई है। भूपतिनगर की घटना के बाद बीजेपी, सीपीआई (एम) और तृणमूल कांग्रेस के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया है। विपक्षी नेताओं ने उत्तर 24 परगना में 5 जनवरी की संदेशखाली घटना के साथ इसकी तुलना की है।