ग़ाज़ा युद्ध में अमेरिका कैसे इज़रायल की मदद कर रहा है?
नॉटोर और एवनपॉलिटिक्स वेबसाइटों की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका एक द्वीप से इज़राइल को सैन्य सहायता प्रदान कर रहा है। सौदाबी द्वीप का इस्तेमाल सीरिया में रूस की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए किया जाता था, लेकिन इज़रायल और हमास के बीच युद्ध शुरू होने के बाद इसकी सैन्य गतिविधियों का दायरा बढ़ गया।
बेस की मुख्य गतिविधियां इज़रायली रक्षा बलों को आईएसआर (खुफिया जानकारी एकत्र करना, टोही, अवरोधन) मुहैया करना हैं। सीएनएन ने बताया है कि बंधकों की तलाश के लिए अमेरिकी सैन्य ड्रोन ग़ाज़ा के ऊपर उड़ान भर रहे हैं, लेकिन यह झूठ है।
सभी ISR संसाधनों का उपयोग लक्ष्यों का पता लगाने और इज़रायल को यह डेटा प्रदान करने के लिए किया जाता है। वह हमास के सभी संचारों को सुनता है और इन संचार स्रोतों का स्थान का इज़रायल को पता बताता है, और फिर इज़रायल नागरिकों की उपस्थिति की परवाह किए बिना उन क्षेत्रों पर बमबारी करता है।
कई अमेरिकी अधिकारी इस सहयोग से खुश नहीं हैं और उन्हें डर है कि भविष्य में उन पर युद्ध अपराधों का आरोप लगाया जाएगा। इज़रायल को नागरिक जीवन की सुरक्षा की कोई चिंता नहीं है और यह स्पष्ट है कि उसका इरादा ग़ाज़ा पट्टी को इस तरह बर्बाद करने का है कि, बाद में वह किसी के रहने लायक नहीं रह जाए।
इसमें ऐसे (अमेरिकी) अधिकारी भी हैं जो इस तैनाती के बाद सेना छोड़ने का इरादा रखते हैं और वह सैनिक दोबारा सेवा नहीं करना चाहते हैं। यह उनके लिए तर्कसंगत नहीं है कि वे इस युद्ध में इज़राइल का समर्थन कर रहे हैं और वे जानते हैं कि वर्तमान अमेरिकी सरकार की नीति निश्चित रूप से भविष्य में अमेरिका के लिए बुरा नतीजा साबित होगी।
फ़िलिस्तीन के समर्थन में मार्च करने वाले ग्रीस के लोग अमेरिकी उपस्थिति से अधिक असंतुष्ट होंगे। कुछ दिन पहले, ग्रीस ने ग़ाज़ा को मानवीय सहायता के साथ एक सी-130 विमान भेजा था, लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि यह राहत पहुँचाना एक नाटक था , और यह सहायता अमेरिकी अभियानों का समर्थन करने की एक चाल थी।