अमेरिका ने सीरिया में ईरान से जुड़े ठिकानों को निशाना बनाया
रॉयटर्स के अनुसार अमेरिका के सेंट्रल कमांड सेंटकॉम ने घोषणा की है कि जो बाइडन के आदेश पर अमेरिकी सैन्य बलों ने सीरिया के डीयर एज़ोर में इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स से संबद्ध सैनिको द्वारा उपयोग की जाने वाली बुनियादी सुविधाओं को आज हवाई हमलों में अपना निशाना बनाया है।
अमेरिका के सेंट्रल कमांड सेंटकॉम के अनुसार इन हमलों का उद्देश्य ईरानी शासन द्वारा समर्थित समूहों द्वारा अमेरिकी कर्मियों के खिलाफ 15 अगस्त के हमलों जैसे हमलों के खिलाफ अमेरिकी सेना की रक्षा करना था। बयान में कहा गया है कि अमेरिकी हमलों ने ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स से संबद्ध सैनिको द्वारा उपयोग की जाने वाली बुनियादी सुविधाओं को लक्षित किया है और अमेरिकी कर्मियों की सुरक्षा और रक्षा के लिए यह हमला आवश्यक था।
सेंटकॉम ने जोर दिया कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने वृद्धि के जोखिम को सीमित करने और हताहतों के जोखिम को कम करने के लिए आनुपातिक और गणना के उपाय किया था। बयान में कहा गया है कि संयुक्त राज्य के राष्ट्रपति ने ईरानी समर्थित सैनिको समूहों द्वारा हमलों को बाधित या रोककर संयुक्त राज्य के कर्मियों की रक्षा और बचाव के लिए अपने अनुच्छेद अधिकार के आधार पर इन हमलों का आदेश दिया था।
सेंटकॉम की आधिकारिक घोषणा के अंत में यह कहा गया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका संघर्ष की मांग नहीं कर रहा है लेकिन अपने लोगों की रक्षा और बचाव के लिए आवश्यक उपाय करना जारी रखेगा और आईएसआईएस की स्थायी हार सुनिश्चित करने तक सीरिया में रहेगा।”
अब यह बात तो किसी से छुपी नहीं है कि अमेरिका का सीरिया में रहने का मक़सद आईएसआईएस की स्थायी हार सुनिश्चित करना नहीं बल्कि वहां से तेलों कि चोरी करना है जो कि अमेरिका महीनो से सीना ठोक के करता चला आ रहा है। अब देखना यह है के अमेरिका के इस हमले का जवाब ईरान कब तक और किस प्रकार से देता है।