ईरान पर हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की साख खत्म हो गई: इस्लामी
ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रमुख ने आज कहा कि अमेरिका और इज़रायल ने ईरान की शांतिपूर्ण परमाणु सुविधाओं पर हमला करके IAEA की विश्वसनीयता को नष्ट कर दिया है।फार्स न्यूज़ एजेंसी के विदेश नीति संवाददाता के अनुसार, उपराष्ट्रपति और परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रमुख मोहम्मद इस्लामी आज (रविवार, 16 नवंबर ) “हमले, आक्रमण और रक्षा के तहत अंतरराष्ट्रीय कानून” विषयक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में शरीक हुए, जो विदेश मंत्रालय के राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय अध्ययन केंद्र में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में, इस्लामी ने विदेश मंत्रालय के उपमंत्री और अध्ययन केंद्र के प्रमुख सईद ख़तीबज़ादा की मौजूदगी में उठाए गए सवालों के जवाब दिए।
उन्होंने उस लंबी प्रक्रिया का ज़िक्र किया, जो अंततः जेसीपीओ (JCPOA) तक पहुँची। इस्लामी ने कहा कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर भारी आरोप लगाए गए थे, और नतीजतन 20 साल से अधिक बातचीत चली। अलग-अलग सरकारों ने यह बातचीत आगे बढ़ाई और उसका परिणाम (JCPOA) समझौता था। इस समझौते के मुताबिक, PMD (Possible Military Dimensions) के नाम पर लगाए गए आरोपों को बंद किया जाना था, और IAEA ने इस पर अपनी रिपोर्ट भी दी।
इस्लामी ने कहा कि ईरान ने (JCPOA) में किए गए सभी वादों को पूरा किया। उन्होंने बताया कि IAEA हर तीन महीने में बोर्ड ऑफ गवर्नर्स को और हर छह महीने में सुरक्षा परिषद को रिपोर्ट देता था, जिसमें साबित होता था कि, ईरान अपने दायित्वों का पालन कर रहा है।
इस्लामी ने इज़रायल और अमेरिका द्वारा ईरान की शांतिपूर्ण परमाणु सुविधाओं पर किए गए हमले का जिक्र करते हुए कहा कि ये जगहें IAEA की निगरानी में थीं, लेकिन एजेंसी ने इस हमले की निंदा तक नहीं की। सुरक्षा परिषद ने भी कोई निंदा नहीं की। उन्होंने बताया कि जिस दिन हमला हुआ, उसी दिन सुबह 8 बजे IAEA के निरीक्षकों को इन सुविधाओं का दौरा करना था।
इस्लामी ने कहा कि, यह बिल्कुल साफ है कि लक्ष्य कोई सैन्य सुविधा या परमाणु बम नहीं था। असल लक्ष्य वे क्षमताएँ थीं जो ईरान की प्रगति में महत्वपूर्ण हैं। पहला हमला उस फैक्ट्री पर किया गया जहाँ तेहरान रिएक्टर के लिए फ्यूल प्लेट बनाई जाती है, और यही रिएक्टर रेडियो-फार्मास्यूटिकल्स (रोगियों के लिए रेडियो दवा) तैयार करता है। उन्होंने कहा कि हमलावरों ने न सिर्फ हमारी परमाणु सुविधाओं को निशाना बनाया बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय संस्था (IAEA) की साख भी मिटा दी। एक सवाल के जवाब में इस्लामी ने कहा कि ईरान प्रतिदिन इसी खतरे का सामना करता है कि, कभी भी हमला किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह पहला मौका था जब ईरान की परमाणु सुविधाओं पर हमला हुआ है, और IAEA को इन नई परिस्थितियों के अनुसार खुद को परिभाषित करना होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि, ईरान और IAEA के संबंध दो हिस्सों में बंटे हुए हैं: एक (Safeguards) और NPT से जुड़े मामले, और दूसरा (JCPOA) से संबंधित। IAEA बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की इस हफ्ते होने वाली बैठक में ईरान के खिलाफ प्रस्ताव लाने की कोशिश और यूरोपीय देशों द्वारा एजेंसी के दुरुपयोग पर पूछे गए सवाल पर इस्लामी ने कहा कि हमें एजेंसी की क्षमता के दुरुपयोग की अनुमति नहीं देनी चाहिए।


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