रायटर्स: सऊदी महिलाओं के अधिकारों के लिए काम करने वाली लुजैन अल-हज़लूल की बहनों ने गुरुवार को कहा कि अब हज़लूल को न्याय मिले और उस पर रिहाई के अगले ही दिन से लगा यात्रा प्रतिबन्ध हटाया जाए।
आपको बता दें कि 31 वर्षीय हज़लूल ने महिलाओं के ड्राइविंग के अधिकार और सऊदी की पुरुष प्रधानता प्रणाली को ख़तम करने के लिए मुहिम चलाई है, एक मामले में उसको तीन साल तक सलाखों के पीछे भी बिताना पड़े जिससे उसको अंतर्राष्ट्रीय निंदा भी झेलनी पड़ी और उस पर पांच साल तक सऊदी अरब से बाहर जाने के लिए पाबन्दी भी लगाई गई।
समाचार न्यूज़ एजेंसी रायटर्स के अनुसार अधिकार समूह और हज़लूल के परिवार का कहना है कि जेल में उसको बिजली के झटके दिए गए, कोड़े मारे गए और उसका यौन उत्पीड़न भी किया गया हालांकि सऊदी अरब ने इन सभी आरोपों से इंकार कर दिया है।
लीना अल-हज़लूल ने ब्रुसेल्स से बात करते हुए एक ऑनलाइन समाचार सम्मेलन को बताया कि लुजैन आज़ाद है। उन्होंने कहा कि मेरी बहन यात्रा प्रतिबंध का विरोध करेगी जो हमारे माता पिता पर भी लगाया गया है।
हज़लूल बहनों ने उसका एक फोटो शेयर करते हुए कहा है कि जेल में प्रदर्शन और भूख हड़तालों के वजह से उसका वज़न काफी गिर गया है।
ब्रुसेल्स में रहने वाली हज़लूल की बहन आलिया ने कहा कि मेरी बहन बहुत बहादुर है और मुझे उस पर गर्व है।
गौरतलब है कि लुजैन अल-हज़लूल को मार्च 2018 में दुबई में गिरफ्तार किया गया था जहां वह पढ़ाई कर रही थी
मानवाधिकार सूत्रों ने बताया कि वह उन एक दर्जन महिलाओं मे से एक थी जो सऊदी अरब द्वारा महिलाओं की
ड्राइविंग पर प्रतिबन्ध लगाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रही थीं, जिनमें से दो महिलाएं अभी भी जेल में हैं।
हज़लूल को पांच साल आठ महीने की सजा सुनाई गई थी,जिसमे से आधी सज़ा उसने काट ली है और दो साल दस महीने की सज़ा निलंबित कर दी गई है।
ये पूछे जाने पर कि क्या अब भी हज़लूल अपनी मुहिम को जारी रखेंगी उसकी बहनों ने कहा कि हम अभी इस बारे में कुछ नहीं बता सकते।
उन्होंने कहा कि हमें ये भी नहीं पता कि ये यात्रा प्रतिबन्ध हम पर भी लागू है या नहीं लेकिन फिलहाल हम सऊदी अरब वापस जाने का जोख़िम नहीं उठा सकते।