इस्राईल ने 2014 के बाद से ग़ज़्ज़ा की जेल में बंद अपने सैनिकों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए संयुक्त अरब अमीरात से मदद मांगी है।
संयुक्त अरब अमीरात के कुछ अधिकारियों ने इस्राईल की उस दरखास्त से पर्दा उठाया है जिसमें उसने संयुक्त अरब अमीरात से मदद मांगी है कि संयुक्त अरब अमीरात ग़ज़्ज़ा में बंदी बनाए गए इस्राईली सैनिकों की जानकारी जुटाने में तल अवीव की मदद करे।
अमीराती रहस्य नामक इस एकाउंट ने अपने ट्वीट में कहा कि इस्राईल ने यूएई के अधिकारियों से कहा है कि 2014 के बाद से ग़ज़्ज़ा में बंदी बनाए गए इस्राईली सैनिकों के आंकड़े जुटाने के लिए उसे अरब अमीरात की मदद की आवश्यकता है। इस रिपोर्ट के अनुसार इस्राईल यह भी चाहता है कि वह प्रतिरोधी दलों की हर गतिविधि पर नजर रख सके और उसकी हर जानकारी उसके पास हो।
#إسرائيل أخبرت السلطات الإماراتية أنها بحاجة إلى خدمات الأخيرة من أجل الحصول على معلومات هامة حول جنودها المختطفين في غزة منذ العام 2014، وكل ما هو جديد حول تطورات المقاومة الفلسطينية هناك#أسرار_إماراتية#التطبيع_خيانة pic.twitter.com/kQ4NeOECIM
— أسرار إماراتية (@asraremaratia) April 9, 2021
इस्राईल की यही अपील कारण बनी कि यूएई के युवराज मोहम्मद बिन ज़ाएद के सुरक्षा सलाहकार के पद पर आसीन, फतह मूवमेंट में सुधारवादी धड़े के नाम से पहचाने जाने वाले गुट के भगोड़े लीडर मोहम्मद दहलान से जुड़े हुए नेताओं की टोली फिलिस्तीन पलट रही है।
कुछ समय पहले ही दहलान से जुड़े हुए कई नेता काफी समय ग़ज़्ज़ा से बाहर गुजारने के बाद वापस पलट आए हैं। फिलिस्तीनी सूत्रों के अनुसार अरब अमीरात ने दहलान और उनके साथियों को अरबों डॉलर की रक़म दी है ताकि वह ग़ज़्ज़ा पलट सकें और भविष्य में चुनाव में भाग ले सकें। कहा जा रहा है कि दहलान के कुछ और समर्थक जल्द ही ग़ज़्ज़ा पलट कर आ सकते हैं।