क़राबाग़ संकट पर अंतरराष्ट्रीय सेमिनार, अज़रबैजान और ईरान दो जिस्म एक जान!

आज ईरान के क़ुम शहर में आज़रबैजान और आर्मेनिया के बीच युद्ध का कारण बने क़राबाग़ को लेकर एक सेमिनार का आयोजन किया जिस में ईरान और आज़रबैजान के वरिष्ठ राजनेताओं ने भाग लिया!

सेमिनार में भाग ले रहे दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने दोनों देशों की पुरानी दोस्ती को याद करते हुए हमेशा एक दूसरे के साथ खड़े रहने की बात कही।

ईरान के उप विदेश मंत्री इराकची ने दोनों देशों के संबंध के बारे में कहा कि हम हमेशा अज़रबैजान के साथ खड़े है दोनों देशों की दोस्ती बहुत पुरानी है। जिस दिन से क़राबाग़ में युद्ध शुरू हुआ हम ने दोनों देशों के बीच समझौता कराने की बात कही थी जिसको दोनों देशों की सरकार ने कबूल किया था।

उन्होंने कहा कि क़राबाग़ संकट को हल करने के फ्रांस अमेरिका और रूस ने मेन्स के नाम से एक कमेटी का गठन किया था लेकिन वह दोनों देशों के बीच समझौता कराने में नाकाम रहे।

ईरान ने जिस तरह से दोनों देशों के बीच समझौता कराया उससे दुनिया भर में ईरान का क़द बढ़ा है।

वहीं ईरान के वरिष्ठ राजनेता मोहसिन रज़ाई ने कहा कि हम ऐसे तो दो देश है लेकिन दोनों की संस्कृति एक है।
उन्होंने कहा कि ईरान ने हमेशा अज़रबैजान की मदद की है हहम ने अज़रबैजान के लिए शहादत भी दी है लेकिन बीते कुछ वर्षो में कुछ लोगों की वजह से हमारी दोस्ती में खटास आई है। इन सब के बावजूद जब हमने देखा कि अज़रबैजान को हमारी ज़रूरत है तो हमने उनकी मदद की। आज भी हम कह रहे है कि आगे जब भी अज़रबैजान को हमारी ज़रूरत होगी हम उनकी मदद के लिए तैयार है।

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