ईरान को लेकर ट्रम्प की नीतियों में बदलाव की बात करने तथा ईरान को वार्ता की मेज़ पर लाने के लिए प्रतिबंधों में ढील की बात करने वाला बाइडेन प्रशासन अपनी बात से मुकर गया है। रिपोर्ट के अनुसार अब तक ईरान के खिलाफ ट्रम्प की अह्दिकतम दबाव की निति को खत्म करनेकी बात करने वाला बाइडन प्रशासन ईरान को कोई राहत देने के मूड में नहीं है। बाइडन ने स्पष्ट कहा है कि जब तक ईरान का यूरेनियम संवर्धन नहीं रुकता प्रतिबंधों में कोई ढील नहीं दी जाएगी।
बाइडेन ने कहा है कि वह ईरान को वार्ता की मेज़ पर लाने के लिए किसी पाबंदी को नहीं हटाएंगे। उन्होंने सीबीएस टीवी चैनल से इंटरव्यू में साफ़ तौर पर कम शब्दों में कहा कि अमेरिका किसी भी पाबंदी को ख़त्म नहीं करेगा मगर यह कि ईरान पहले यूरेनियम संवर्धन करना बंद कर दे।
याद रहे कि कल ही ईरान के सुप्रीम नेता अली ख़ामेनई ने वायु सेना और एयर डिफ़ेन्स यूनिट के कमान्डरों से मुलाक़ात में कहा था कि अगर वह चाहते हैं कि ईरान जेसीपीओए के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं की ओर लौटे तो पहले अमेरिका ईरान पर लागू पाबंदियों को व्यवहारिक रूप से ख़त्म करे, उसके बाद हम चेक करेंगे कि पाबंदियाँ ख़त्म हुई या नही, फिर हम जेसीपीओए के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं पर अमल करेंगे।वहीँ जब बाइडन से पूछा गया कि अमेरिका ईरान को वार्ता की मेज़ पर लाने के लिए पहले पाबंदियों को ख़त्म करेगा या नहीं, तो बाइडन ने सिर्फ़ एक शब्द में कहाः ‘नहीं’ !
याद रहे कि ट्रम्प सरकार ने परमाणु समझौते से निकलने के बाद, ईरान के खिलाफ अधिकतम दबाव की नीति अपनाई ताकि यह समझौता ख़त्म हो जाए और ईरान नई वार्ता के लिए मेज़ पर आए। ईरान एक साल तक परमाणु समझौते को टूटने से बचाने के लिए धैर्य के साथ निरंतर कोशिश करता रहा लेकिन जब यूरोप ने भी अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में असमर्थता जताई तो ईरान ने जेसीपीओए के अनुच्छेद 36 के तहत कई फ़ैसले किए जो अमेरिका और यूरोप को अच्छे नहीं लगे।