अरबईन मार्च फिलिस्तीन के सेवा कैंप से साम्राज्यवादी धड़े में हलचल इराक में अरबईन के अवसर पर उमड़े करोड़ों के हुजूम में दुनिया भर की हर नस्ल और देश के लोगों ने भाग लिया।
अरबईन मार्च में इस बार नजफ़ और कर्बला के बीच पोल नंबर 831 पर फिलिस्तीन की ओर से लगाए गए निदाउल अक़सा नामक मोकिब { सेवा कैंप } की हर ओर चर्चा है।
दुनिया भर में मुस्लिम समाज विशेषकर मध्य पूर्व में पिछले कई वर्षों से एक नारा व्यवहारिक हो रहा है कि हुसैन की मोहब्बत हमको एकजुट करती है।
अब शिया बहुल इराक में अरबईन के अवसर पर सुन्नी बहुल फिलिस्तीन की ओर से लगाए जाने वाले सेवा कैंप ने इस बात को और सुंदरता के साथ पेश किया है।
फिलिस्तीन की जनता एवं कई क़बीलों के सरदारों की ओर से इराक के कर्बला और नजफ़ के बीच होने वाले अरबईन मार्च के अवसर पर पोल नंबर 831 पर सेवा कैंप लगाया गया।
शिया सुन्नी के साथ साथ हर धर्म और संप्रदाय से संबंध रखने वाले लोग जो इस अवसर पर इराक यात्रा पर आए हुए थे सब ने मिलकर लब्बैक या हुसैन की आवाज बुलंद की।
इस अवसर पर फिलिस्तीन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कर्बला से बैतुल मुकद्दस की दूरी 831 किलोमीटर है। हम फिलिस्तीन से इमाम हुसैन की के ज़ाएरों में शामिल होने और उनकी सेवा के लिए आए हैं।
उन्होंने कहा कि हमने यह सेवा कैंप पैगंबर साहब के रास्ते पर चलते हुए स्वतंत्रता प्रेम विलायत स्वाधीनता सम्मान और इमान में सुधार के नारों के साथ लगाया है। हमारे दिल और हमारी जान इमाम हुसैन और फिलिस्तीन के रास्ते पर कुर्बान है।
कर्बला के गवर्नर इंजीनियर नसीफ बासिम अलख़ेताबी ने कहा कि हम अपने फिलिस्तीनी भाइयों का दिल से स्वागत करते हैं। आप अपने भाइयों और दोस्तों के बीच अपने मित्र देश में मजूद हैं।
फ़िलिस्तीनी अधिकारी का कहना है कि निदाउल अक़सा नामक मौक़िब लगाने का मक़सद, उस रास्ते पर चलना जिसका गंतव्य आज़ादी और सफलता है, अवैध इस्राईली शासन तबाह हो जाएगा और निश्चित रूप से हम इस रास्ते पर कामयाब होंगे।