ताइवान पर हमला हुआ तो चुप नही बैठेगा अमेरिका फार्स न्यूज एजेंसी इंटरनेशनल ग्रुप के मुताबिक, इस देश से अमेरिकी सैनिकों की जल्दबाजी के बाद तालिबान को अफगानिस्तान पर नियंत्रण किए हुए दो महीने से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन ऐसा लगता है कि वाशिंगटन के राजनेता इस हार को भूल गए हैं और इस बार ताइवान का बचाव कर रहे हैं।
ताइवान पर टिप्पणी करते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन ने बुधवार शाम कहा कि अगर चीन ताइवान में स्थिति बदलने के लिए बल प्रयोग करता है तो वाशिंगटन और उसके सहयोगी कार्रवाई करेंगे।
यह पूछे जाने पर कि क्या संयुक्त राज्य अमेरिका चीनी आक्रमण की स्थिति में ताइवान की रक्षा के लिए कार्रवाई करेगा, ब्लिंकन ने अमेरिकी अधिकारियों के पहले के बयानों को दोहराया कि रॉयटर्स के अनुसार उपकरणों के अस्तित्व को सुनिश्चित करने के लिए वाशिंगटन की भूमिका ताइवान में बार-बार रक्षा आवश्यक होने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, “साथ ही, मुझे लगता है कि यह कहना उचित होगा कि हम दुनिया के उस हिस्से में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए इस फैसले में अकेले नहीं हैं।”
अमेरिका के भी ताइवान के साथ आधिकारिक संबंध नहीं हैं लेकिन उसने एक क़ानून पारित किया हुआ है, जिसके तहत वो इस द्वीप को सुरक्षा मुहैया करा सकता है।
ताइवान पर बीजिंग का शासन स्वीकार करने के लिए लगातार सैन्य और राजनीतिक दबाव बढ़ रहा है और लगातार ताइवान पर चीनी लड़ाकू विमानों का गुज़रना अंतरराष्ट्रीय चिंता का विषय बना हुआ है।
हाल के दिनों में चीन ने कई बार ताइवान के हवाई रक्षा क्षेत्र का उल्लंघन किया है और उसके ऊपर से रिकॉर्ड नंबर में लड़ाकू विमानों को भेजा है।