भारत और ईरान की दोस्ती को क्यों खराब करना चाहता है इस्राइल
सूत्रों के हवाले से पता चला है की नई दिल्ली में स्थित इस्राइली दूतावास कथित तौर पर हाल के हफ्तों में हाई अलर्ट पर है। इस्राइली दूतावास को ऐसी खुफिया जानकारी मिली है कि आतंकी दूतावास को निशाना बना सकते हैं। और साथ ही ईरान पर आरोप लगाया है कि ये हमलावर भारत में रह रहे ईरानी मूल निवासी भी हो सकते हैं।
पिछले वर्ष जनवरी 2021 में नई दिल्ली में इस्राईली दूतावास के बाहर हुए एक हमले के बारे में एक भारतीय अखबार की एक खबर पर ईरान ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।
इस्राइल के विदेश मंत्रालय ने घटना के बाद एक बयान जारी कर कहा था कि यह आतंकी हमला है और इसमें इजराइली दूतावास के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है।
वहीं दूसरी तरफ ईरान ने इजराइल के आरोपों से इनकार करते हुए इस्राइल पर ही विस्फोट करवाने आरोप लगा दिया था। साथ ही ईरान का कहना था कि इजराइल भारत-ईरान के रिश्ते को खराब करना चाहता है।
एशिया नेट न्यूज़ ने दावा किया है कि ईरान समर्थित अपराधियों द्वारा संभावित आतंकी हमले की गंभीर आशंकाओं के बीच नई दिल्ली में इस्राइली दूतावास हाई अलर्ट पर है हालाँकि ये दावा बेबुनियाद है।
आप को बता दें कि पिछले साल नई दिल्ली में ईरानी दूतावास ने एक प्रेस में बयान जारी करते हुए कहा था कि इस्राईली दूतावास के पास हुए हमले में ईरान का कोई लेना देना नहीं है और अगर इस मामले में ईरान पर आरोप लगाया गया तो इससे इससे भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान हो सकता है और सालों से चले आ रहे भारत और ईरान के बीच अच्छे संबंधों को खराब करना चाहता है।
साथ ही बयान में ये भी कहा था कि ईरान पूरी दुनिया में शांति और सुरक्षा के ध्वजवाहक के रूप में जाना जाता है और “आतंकवाद” के खिलाफ लड़ाई में ईरान ही सबसे आगे है।
बता दें कि ईरान में इस्लामी क्रांति के बाद ईरान और इस्राईल के बीच अच्छे नहीं है और ईरान को इस्राईल को बहुत बड़ा विरोधी मन जाता है क्योंकि ईरान इस्राईल को फिलिस्तीनियों की ज़मीन पर बर्दाश नहीं करता है। और इस्राइल की ये कोशिश रहती है कि ईरान के साथ चल रहे सभी अच्छे संबंधों को खराब किया जा सके।