आख़िर किसानों के साथ यह अन्याय क्यों?: प्रियंका गांधी
पूरा भारत जानता है कि पिछले लगभग 8 महीनों से किसान अपने घर से दूर अपने हक़ की मांग करते हुए सड़कों पर बैठे हैं, अपने हक़ की मांग करते हुए कड़कती ठंड, चिलचिलाती धूप और मूसलाधार बारिश का सामना कर रहे हैं।
देश जानता है कि किसानों का यह आंदोलन तीनों काले कृषि क़ानून को लेकर है, जिसको लेकर किसानों के साथ साथ कई राजनीतिक दलों ने भी आवाज़ उठाई, हद तो यह है कि विदेशी कई बड़ी हस्तियों ने भी इस मुद्दे पर आवाज़ उठाई है।
सबसे हैरान कर देने वाली बात यह है कि प्रधानमंत्री ने ख़ुद जनवरी में कहा था कि किसानों की समस्या और उसके समाधान में बस एक कॉल का फ़ासला है, लेकिन 8 महीने हो गए अभी तक उस कॉल का समय नहीं आया, इसके अलावा BJP के कुछ नेताओं और मंत्रियों ने ऐसी लैंग्वेज का प्रयोग किया कि उसे दोहराते हुए भी शर्म आ रही है।
तीनों काले कृषि क़ानून को लेकर किसानों की समस्याएं अपनी जगह हैं उसके अलावा बिजली के दाम जो बढ़े वह अलग एक समस्या है इसके अलावा गन्ने के दाम पिछले 2017 से अपनी जगह रुके हुए हैं, BJP सरकार में आम नागरिकों के साथ साथ लगातार किसान भी समस्याओं से जूझ रहे हैं।
किसानों के मुद्दों को लेकर पिछले कई महीनों से कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने लगातार आवाज़ उठाई है, चाहे राहुल गांधी हों या प्रियंका गांधी या फिर दूसरे नेता इन्होंने लगातार किसानों के मुद्दे को जनता के समक्ष रखा है।
आज फिर प्रियंका गांधी ने एक बार किसानों की कुछ समस्याओं का ज़िक्र करते हुए उनके साथ होने वाले इस रवैये को सरकार की तरफ़ से अन्याय बताया।
ट्वीट करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में किसानों के लिए बिजली के दाम कई बार बढ़ चुके हैं, डीज़ल के बढ़ते दामों के बारे में कहा कि डीज़ल के दाम तो 100 से अधिक बार बढ़ चुके हैं लेकिन किसान के गन्ने के दाम में 2017 से 0 रुपए की बढ़ोतरी हुई है।
https://twitter.com/priyankagandhi/status/1430780091609456640?s=20
ट्वीट के अंत में प्रियंका गांधी ने कहा कि आख़िर किसानों के साथ यह अन्याय क्यों?