जब मोदी शासन में भ्रष्टाचार हुआ, तब अन्ना हजारे कहां थे?: राउत

जब मोदी शासन में भ्रष्टाचार हुआ, तब अन्ना हजारे कहां थे?: राउत

दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे के आने के बाद वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे सुर्खियों में आ गए हैं। उनके बयान को लेकर अब शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने सवाल उठाया है। संजय राउत ने रविवार को कहा कि वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे दिल्ली विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की हार से खुश हैं।

राउत ने केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के खिलाफ पिछले कुछ सालों में लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों पर हजारे की चुप्पी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, ‘‘जब मोदी के शासन में भ्रष्टाचार हुआ, तब हजारे कहां थे? केजरीवाल की हार पर हजारे खुश हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि महाराष्ट्र और दिल्ली के मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर समान पैटर्न देखा गया। उन्होंने कहा कि हजारे ने इस मामले पर भी चुप्पी साधे रखी है, जबकि हरियाणा में भी ऐसी ही शिकायतें आईं। संजय राउत ने भविष्य में बिहार चुनावों में भी ऐसी समस्याएं सामने आने का अंदेशा जताया।

राउत ने दावा किया, ‘‘जीत जोड़-तोड़ और धनबल के जरिए हासिल की जा रही है।” भाजपा ने 70 सदस्यीय विधानसभा में 48 सीटें जीतकर दिल्ली में आम आदमी पार्टी का शासन समाप्त कर दिया। हारने वालों में प्रमुख नाम नयी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से केजरीवाल का था। संजय राउत ने कहा, देश को लूटा जा रहा है और धन एक ही उद्योगपति के हाथों में जा रहा है। ऐसी स्थिति में लोकतंत्र कैसे बरकरार रह सकता है? ऐसे समय में हजारे की चुप्पी के पीछे क्या रहस्य हो सकता है।

उन्होंने आरोप लगाया कि 2014 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से चुनावों में संवैधानिक प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया है।

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