राजस्थान में मतदाताओं ने काम पर नहीं, धर्म पर डालें वोट: खाचरियावास
राजस्थान विधानसभा चुनाव में जीत का सेहरा एक बार फिर भाजपा के सिर बंधा। रविवार को हुई 199 सीटों की मतगणना में भाजपा ने 115 सीटों पर जीत दर्ज की। कांग्रेस को 69 सीट से संतोष करना पड़ा, जबकि अन्य के खाते में 15 सीट गईं। अब सवाल यही है कि भाजपा किसे मुख्यमंत्री बनाएगी। कुछ नाम सामने आए हैं, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी शामिल हैं। इसके वाला कुछ लोग महंत बाबा बालकनाथ के नाम की भी पैरवी कर रहे हैं। उम्मीद है कि इस पर जल्द फैसला कर लिया जाएगा।
राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार पर गहलोत सरकार में मंत्री रहे प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि जनता ने काम को सम्मान नहीं दिया, जिसके कारण कांग्रेस को हार मिली। खाचरियावास के मुताबिक, सरकार ने जनता के लिए क्या नहीं किया। चुनाव प्रचार के दौरान हम जहां भी गए, जनता ने स्वागत किया, बुला-बुलाकर सम्मान किया, लेकिन वोट नहीं दिया। खचारियावास ने कहा कि, राजस्थान में धर्म के नाम पर वोट पड़े, काम पर वोट नहीं पड़े। इतना ही नहीं उन्होंने अशोक गहलोत के OSD लोकेश शर्मा के बयान पर भी पलटवार किया और कहा कि, लोकेश शर्मा पाप कर रहे हैं।
राजस्थान में अशोक गहलोत कैबिनेट में मंत्री रहे प्रताप सिंह खाचरियावास के लिए कांग्रेस नेता कहते हैं कि वह पांच साल लगातार सक्रिय रहे थे। इसके बाद भी सिविल लाइंस सीट से उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इस बात से प्रताप सिंह खाचरियावास बेहद निराश हैं। उनका कहना है कि कुछ भी मान लीजिए, लेकिन एक बार जान लीजिए कि वोटर खुद ही आपके विश्वास पर खरा नहीं उतरे, खुद विश्वास देकर भी वोट न दें,तो आप क्या करेंगे?
उन्होंने कहा कि, मैंने मतदाताओं को मैंने समझाया था कि बीजेपी और आरएसएस वाले ये समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि सनातन के नाम पर वोट दो, विकास के नाम पर नहीं। बीजेपी को वोट दो, कांग्रेस को नहीं। ये सब लोग 25 नवंबर के बाद नहीं दिखेंगे। सभी वोटर्स ने उस समय सम्मान दिया, मेरी एक बात को भी मना नहीं किया। सिविल लाइंस राजस्थान का वह विधानसभा क्षेत्र है, जहां सर्वश्रेष्ठ काम हुआ है। आप बताइए जहां हाई टेंशन लाइन हट रही है, वहां भी आपको वोट न मिले तो इसका साफ मतलब है कि वोटर ने काम को सम्मान नहीं दिया।
खाचरियावास ने कहा कि जिले में आठ सीटें हैं, जिनमें से 2018 में कांग्रेस ने पांच सीटें जीती थीं। इनमें दो अल्पसंख्यक बहुल सीट थीं और तीन हिन्दू बहुल थीं। इस बार हम दो केवल माइनॉरिटी सीटें जीते। इसकी वजह बताते हुए खाचरियावास बोले, ‘कुछ समय पहले यहां इकबाल नाम के लड़के की हत्या हो गई थी, जिसके बाद गहलोत सरकार ने उसके परिवार को 50 लाख रुपये की सहायता राशि दी थी, क्योंकि हंगामा हुआ था।
लेकिन जब उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या हुई तो मैं भी बहुत गुस्से में था और कहा था कि हत्यारों को मार देना चाहिए। कन्हैयालाल के परिवार को कांग्रेस सरकार ने दो करोड़ रुपये दिए थे लेकिन बीजेपी वालों ने प्रचारित किया कि उन्हें केवल 5 लाख रुपये मिले हैं और इकबाल को 50 लाख दे दिए।