समान नागरिक संहिता मूल मुद्दों से ध्यान भटकाने वाली बात: अखिलेश यादव
लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सत्तारूढ़ दल पर बुनियादी मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए समान नागरिक संहिता का भोंपू बजाने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार के पास महंगाई, बेरोज़गारीऔर भ्रष्टाचार पर कोई जवाब नहीं है, इसीलिए वह समान नागरिक संहिता की बात कर रही है।
सपा प्रमुख आज लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया सभागार में कैमरा चेतना फाउंडेशन द्वारा जाति आधारित जनगणना की आवश्यकता विषय पर आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने डॉ. सोनेलाल पटेल को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि बहुजनों ने दलित और पिछड़ा समाज के लिए लड़ाई लड़ी। हम उनके रास्ते पर चलकर और न्याय व सम्मान के प्रति प्रतिबद्ध होकरअपने सपनों को साकार कर सकते हैं।
प्रदेश सरकार के विकास के दावों पर निशाना साधते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी सरकार में जो एमओयू साइन हुए थे, वे जमीन पर नहीं उतरे। आंकड़े बताते हैं कि जहां समाजवादी पार्टी सरकार के तहत औसत वार्षिक विकास दर 6.2 प्रतिशत थी, वहीं भाजपा सरकार के तहत यह 3.2 प्रतिशत रही। भाजपा शासन में न तो नए उद्योग लगे और न ही गरीबों के घर में खुशहाली आई। सिर्फ निर्माण के सपने दिखाए गए।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ने किसानों की आय दोगुनी करने की बजाय किसानों की परेशानियां बढ़ा दी हैं. किसान आधारित मुद्दों पर चर्चा नहीं हो रही है। आलू और धान बर्बाद हो गये। भाजपा सरकार ने गेहूं न खरीदकर निजी कंपनियों को खरीदने दिया। उन्होंने बीजेपी को सिर्फ सत्ता का लालची बताते हुए कहा कि वह पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों का हक छीनकर सत्ता में बने रहना चाहती है। भाजपा देश को पीछे ले जा रही है। अखिलेश ने कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) समान नागरिक संहिता के खिलाफ है।
जाति आधारित जनगणना के महत्व पर प्रकाश डालते हुए अखिलेश ने कहा कि जब तक सभी जातियों की गणना नहीं होगी, उनकी भागीदारी कैसे तय होगी। सबके सहयोग के बिना विकास कैसे होगा? एनडीए पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक (पीडीए) गठबंधन से मुकाबला नहीं कर सकता इसलिए भाजपा झूठे नारों से गुमराह करती है।