स्पीकर राहुल नार्वेकर के फैसले के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट पहुंचे उद्धव ठाकरे
असली शिवसेना को लेकर जारी लड़ाई अब सुप्रीम कोर्ट जा पहुंची है। महाराष्ट्र स्पीकर के आदेश के खिलाफ शिवसेना का उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। स्पीकर ने एकनाथ शिंदे समूह के विधायकों को अयोग्य ठहराने की याचिका भी खारिज कर दी थी, जिसको अब उद्धव गुट ने सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट को विभाजन के बाद असली शिवसेना घोषित करने के विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के आदेश को चुनौती दी गई है। स्पीकर ने शिंदे सहित सत्तारूढ़ खेमे के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की ठाकरे गुट की याचिका को भी खारिज कर दिया था।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे की शिवसेना का एक-दूसरे के विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं को स्पीकर राहुल नार्वेकर ने बुधवार (10 जनवरी) को खारिज कर दिया था।
नार्वेकर ने कहा था कि शिंदे की शिवसेना ही असली शिवसेना है। ऐसा इसलिए क्योंकि चुनाव आयोग ने भी ये बात मानी है। ऐसे में विधायकों की सदस्यता बरकरार रहेगी। ये फैसला शिवसेना (यूबीटी) के चीफ उद्धव ठाकरे के लिए बड़ा झटका था।
शिंदे गुट के विधायकों की अयोग्यता को लेकर फैसला आने वालों के नाम- सीएम एकनाथ शिंदे, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. तानाजी सावंत, रोजगार मंत्री संदिपानराव भुमरे, अल्पसंख्यक विकास मंत्री अब्दुल सत्तार, भरत गोगावले, संजय शिरसाट और यामिनी जाधव हैं।
साथ ही अनिलभाऊ बाबर, डॉ. किनिकर बालाजी प्रल्हाद, प्रकाश सुर्वे, महेश शिंदे, लता सोनवणे, चिमणराव रूपचंद पाटिल, रमेश बोरनारे, डॉ. संजय रायमुलकर और बालाजी कल्याणकर हैं।
क्या है मामला ?
विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा था कि कोई भी पार्टी नेतृत्व किसी पार्टी के भीतर असंतोष या अनुशासनहीनता को दबाने के लिए संविधान की 10वीं अनुसूची (दलबदल विरोधी कानून) के प्रावधानों का उपयोग नहीं कर सकता है।
स्पीकर ने कहा था कि जून 2022 में जब पार्टी विभाजित हुई तो शिंदे समूह को शिवसेना के कुल 54 विधायकों में से 37 का समर्थन प्राप्त था। इससे पहले चुनाव आयोग ने 2023 की शुरुआत में शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को ‘शिवसेना’ नाम और ‘धनुष और तीर’ प्रतीक दिया था।