किसानों ने आंदोलन तेज़ करने का लिया निर्णय

(Former Protest) किसान केंद्र सरकार द्वारा लाए कृषि बिल के खिलाफ कई महीनों से आंदोलन कर रहे थे और पिछले 17 दिनों से राजधानी दिल्ली के बॉर्डर पर धरने पर बैठे हैं. किसान सरकार के इन कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

आपको बता दें कि किसानों की केंद्र सरकार के साथ अब तक 6 दौर की चर्चा हो चुकी है और एक बार गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात हुई है लेकिन अभी तक सरकार और किसानों के बीच सहमति नहीं बन पाई है. शनिवार को किसानों ने देश के कई हिस्सों में टोल प्लाजा को फ्री करवा दिया.

आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में संयुक्त किसान आंदोलन के नेता कमलप्रीत सिंह पन्नू ने कहा, “हमने इस आंदोलन को और तेज करने का निर्णय लिया है. अभी हमारा धरना दिल्ली के 4 पॉइंट पर चल रहा है. कल (13 दिसंबर) राजस्थान बॉर्डर से हज़ारों किसान ट्रेक्टर मार्च निकालेंगे और दिल्ली जयपुर हाइवे बन्द करेंगे.”

संयुक्त किसान आंदोलन के नेता का कहना है, “14 दिसम्बर को सारे देश के डीसी ऑफिस में प्रोटेस्ट करेंगे. हमारे प्रतिनिधि 14 दिसम्बर को सुबह 8 से 5 बजे तक अनशन पर बैठेंगे. हमारी मांगे 3 कानूनों को रद्द कराना चाहते हैं. हम सरकार से बातचीत करने को तैयार हैं. जब तक ये 3 कानून रद्द नहीं होंगे हम चौथी मांग तक नहीं जाएंगे.”

किसान नेता ने कहा, “हम अपनी माताओ बहनों को भी इस आंदोलन में हम बुला रहे हैं,उनके लिए यहां रुकने की सभी व्यवस्था की जा रही है. सरकार चाहती है कि अगर इसे लटका दिया जाए तो ये आंदोलन कमजोर पड़ जायेगा.”

कमलप्रीत सिंह पन्नू ने कहा, “और भी किसान लगातार आ रहे हैं. हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण रहेगा. सरकार ने आंदोलन को भड़काने और फूट डालने की पूरी कोशिश की. हम आंदोलन को जीत तक जारी रखेंगे.”

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