2-4 साल बाद दिखेगा काले कृषि क़ानूनों का असर

2-4 साल बाद दिखेगा काले कृषि क़ानूनों का असर

राष्टीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने आज सरसों के तेल का भाव पूछते हुए कृषि कानूनों के विपरित प्रभावों को लेकर निशाना साधा है.

लालू यादव ने ट्वीट करते हुए पूछा कि ‘सरसों के तेल का क्या भाव है? क्या आप इससे खुश है?’ इसके साथ ही उन्होंने लिखा है, ‘रुकिए, तीन काले कृषि कानूनों का विपरीत प्रभाव अभी दो-चार वर्षों बाद और अधिक समझ में आएगा.’

बता दें, पिछले महीने अक्टूबर महीने के आखिरी सप्ताह में तेल की बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार ने फिर से राज्यों को कहा है. उपभोक्‍ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने कीमतों में कमी सुनिश्चित करने के लिए राज्यों को पत्र लिखा है. त्योहारी सीजन के मद्देनजर खाद्य तेल की कीमतों को कम करने के लिए केंद्र द्वारा कड़े कदम उठाए जा रहे हैं. हितधारकों ने भंडारण क्षमता के दो महीने से अधिक के स्टॉक को न रखने की सलाह दी है.

हाल ही, खाद्य सचिव ने एनडीटीवी से खास बातचीत में माना कि एडिबल ऑयल की कीमत पिछले साल के मुकाबले इस साल 50 फ़ीसदी से ज्यादा है. हालांकि, उन्होंने कहा था कि पिछले कुछ दिनों में एडिबल ऑयल्स की रिटेल कीमतों में कमी दर्ज़ की गई है. खाद्य सचिव ने प्याज, टमाटर की कीमतों में बढ़ोतरी के लिए सीजनल कारणों को जिम्मेदार करार दिया है.

खाद्य मंत्रालय के ताज़ा आकड़ों के मुताबिक पिछले एक साल में सबसे ज्यादा महंगा सरसों का तेल हुआ है. 21 अक्टूबर, 2020 को सरसों तेल की औसत रिटेल कीमत देश में 128.96/लीटर थी जो 21 अक्टूबर, 2021 को बढ़कर 185.88/लीटर पहुँच गई यानी 44.14% महंगा.

 

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