राष्ट्रपति ने लालकृष्ण आडवाणी के घर जाकर उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया
भारत रत्न: भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को दिल्ली में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के आवास पर उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया। इस मौके पर राष्ट्रपतिके साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू भी मौजूद हैं।
इससे पहले राष्ट्रपति भवन में शनिवार को आयोजित एक समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश की चार महान हस्तियों- पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव एवं चौधरी चरण सिंह, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर और देश के प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित किया था.इन चारों विभूतियों को मरणोपरांत यह सम्मान दिया गया।
पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के लिए सम्मान उनके बेटे पीवी प्रभाकर राव ने स्वीकार किया। चौधरी चरण सिंह के लिए उनके पोते और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने राष्ट्रपति से यह सम्मान स्वीकार किया। वहीं, स्वामीनाथन की ओर से उनकी बेटी नित्या राव और कर्पूरी ठाकुर की ओर से उनके बेटे रामनाथ ठाकुर ने राष्ट्रपति मुर्मू से यह पुरस्कार लिया।
सबसे ज्यादा समय तक भाजपा में अध्यक्ष रहे
आडवाणी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जरिए अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। कई वर्षों तक आडवाणी राजस्थान में आरएसएस प्रचारक के काम में लगे रहे। वह उन लोगों में शामिल हैं जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी की नींव रखी थी। 1980 से 1990 के बीच आडवाणी ने भाजपा को एक राष्ट्रीय स्तर की पार्टी बनाने के लिए काम किया।
लालकृष्ण आडवाणी तीन बार (1986 से 1990, 1993 से 1998 और 2004 से 2005) भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं।1984 में महज दो सीटें हासिल करने वाली पार्टी को अगले लोकसभा चुनावों में 86 सीटें मिलीं। पार्टी की स्थिति 1992 में 121 सीटों और 1996 में 161 पर पहुंच गई। आजादी के बाद पहली बार कांग्रेस सत्ता से बाहर थी और भाजपा सबसे अधिक संख्या वाली पार्टी बनकर उभरी थी।