“समान नागरिक संहिता” का सभी धर्म के लोग विरोध करें: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

‘समान नागरिक संहिता का सभी धर्म के लोग विरोध करें: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने 5 जुलाई को एक अहम बैठक बुलाई जिसमें इस कानून का पुरजोर विरोध करने का फैसला किया गया. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पहले से ही समान नागरिक संहिता का विरोध करता रहा है, लेकिन अब उसने सभी से औपचारिक विरोध दर्ज कराने की अपील की है.

5 जुलाई को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की हुई बैठक में बोर्ड की ओर से क्यूआर कोड वाला एक पत्र जारी किया गया और लोगों से अपना विरोध दर्ज कराने का अनुरोध किया गया. बोर्ड ने कहा, ”इस समय देश में समान नागरिक संहिता को लेकर माहौल बन रहा है.” अलग-अलग धर्मों और संस्कृतियों वाले देश में समान नागरिक संहिता के जरिए धार्मिक और सांस्कृतिक आजादी पर चोट पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. ऐसे में लोगों से अनुरोध है कि वे विधि आयोग द्वारा मांगी गई राय पर अपना विरोध दर्ज कराएं.

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक लखनऊ में हुई जिसमें बोर्ड के लगभग सभी सदस्यों ने हिस्सा समान नागरिक संहिता . बैठक के बाद समान नागरिक संहिता के खिलाफ जोरदार आवाज उठाने का निर्णय लिया गया. बोर्ड की ओर लोगों से जारी की गई अपील में एक लिंक भी दिया गया है और एक क्यूआर कोड भी उपलब्ध है. इसमें यह भी बताया गया है कि लोग लिंक पर क्लिक करने के बाद अपनी विरोध प्रतिक्रिया कैसे तैयार कर सकते हैं, जो सीधे विधि आयोग को भेजी जाएगी।

ग़ौरतलब है कि समान नागरिक संहिता का सभी धर्मों और समुदाय की तरफ से विरोध सुनने को मिल रहा है. आदिवासी समुदाय इसे आदिवासी विरोधी बिल बता रहे हैं. यूसीसी आदिवासी विरोधी हैश टैग भी ट्वीटर पर ट्रेंड हो चूका है. समान नागरिक संहिता पर भाजपा सहयोगी दलों में भी मतभेद सुनने को मिल रहा है.
नेशनल पीपुल्स पार्टी और एआईएडीएमके भी अपना विरोध प्रकट कर चुकी हैं.

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