मणिपुर हिंसा में आवश्यक वस्तुओं की कमी के कारण पचास हज़ार से अधिक लोग राहत शिविर में 

मणिपुर हिंसा में आवश्यक वस्तुओं की कमी के कारण पचास हज़ार से अधिक लोग राहत शिविर में 

गुवाहाटी : सूचना एवं जनसंपर्क एवं स्वास्थ्य मंत्री एस. रंजन ने रविवार को यहां कहा कि मणिपुर में सांप्रदायिक हिंसा से विस्थापित हुए 50,650 से अधिक पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को 350 शिविरों में शरण दी गई है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मणिपुर के 10 से अधिक जिलों में स्थापित राहत केंद्रों की देखभाल के लिए जिला और क्लस्टर नोडल अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है, जहां 3 मई से विनाशकारी जातीय हिंसा में 105 लोग मारे गए और 320 से अधिक घायल हुए हैं।

उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष सहायता केंद्र खोले गए हैं और स्तनपान कराने वाली माताओं, बुजुर्गों और बच्चों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। रंजन ने कहा कि इंफाल-जेरीबाम राष्ट्रीय राजमार्ग के माध्यम से दक्षिण असम से आपूर्ति और आवश्यक सामान लाया जा रहा है। अब तक 2,376 ट्रक 35,000 टन निर्माण सामग्री, ईंधन और आवश्यक सामान राज्य में ला चुके हैं। राज्य सरकार आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए परिवहन को आसान करने के लिए अगले 10 दिनों के भीतर खोंगसांग रेलवे स्टेशन को चालू करने का प्रयास कर रही है।

विभिन्न कुकी आदिवासी संगठनों ने मणिपुर में इंफाल-दीमापुर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-2) को लगातार अवरुद्ध कर दिया है, जिससे आवश्यक वस्तुओं, खाद्यान्न, परिवहन ईंधन और जीवन रक्षक दवाओं के परिवहन में बाधा उत्पन्न हो रही है। मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया कि 3 मई को दंगे भड़कने के बाद, भीड़ और बदमाशों ने कई पुलिस थानों और सुरक्षा शिविरों से हजारों तरह के हथियार और बड़ी मात्रा में गोला-बारूद लूट लिया।

सरकार द्वारा प्रभावित छात्रों के लिए एक शैक्षिक रोडमैप तैयार किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार की योजना का विवरण संबंधित शिक्षा मंत्री द्वारा जल्द ही घोषित किया जाएगा। बैंकिंग क्षेत्र के संबंध में, अब तक 242 शाखाओं में से 198 बैंक शाखाओं का संचालन किया जा चुका है और शेष जल्द ही चालू हो जाएंगी। रंजन ने कहा कि आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि को रोकने के लिए मूल्य नियंत्रण तंत्र लागू किया गया है।

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