ईरान-सऊदी संबंध बहाल होने के बाद बदल गए हैं बिन सलमान के सुर

ईरान-सऊदी संबंध बहाल होने के बाद बदल गए हैं बिन सलमान के सुर

पिछले हफ्ते सऊदी अरब ने घोषणा की थी कि, वह तेल की कीमतों को बढ़ावा देने के लिए अपने स्वयं के तेल उत्पादन में कटौती कर रहा है। वियना में कई घंटों तक चली ओपेक प्लस की बैठक के बाद यह घोषणा की गई थी। हालांकि सऊदी अरब की यह घोषणा अमेरिका को पसंद नहीं आयी थी।

जब से ईरान सऊदी अरब ने अपने आपसी मतभेद भुलाकर दोबारा संबंध बहाल किए हैं तब से अमेरिका और इस्राईल की आँखों से नींद ओझल हो गयी है। ईरान और सऊदी का आपस में फिर से संबंध बनाना न सिर्फ अमेरिका,इस्राईल बल्कि पूरे यूरोपीय देशों को रास नहीं आ रहा है।

इसका मूल्य कारण यह है कि दोनों मुल्क पूरी दुनियां के मुसलमानों का नेतृत्व करते हैं। ईरान जहाँ शिया बहुसंख्यक देश है,औरपूरी दुनिया के शिया समुदाय का नेतृत्व करता है, वहीं सऊदी सुन्नी समुदाय का नेतृत्व करता है जोकि मुसलमानों का धर्म स्थल है।

वैसे तो जो बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही सऊदी अरब और अमेरिका के संबंध प्रतिदिन बिगड़ते जा रहे थे, लेकिन जब से चीन की मध्यस्थता से ईरान सऊदी अरब के आपसी रिश्ते बहाल हुए हैं, इसमें हर रोज़ बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है।

शायद सऊदी अरब को भी यह बात समझ में आ गयी है कि अमेरिका का पिछलग्गू बनने की जगह अपने व्यापार को बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। यही कारण है कि ईरान की तरह सऊदी अरब भी अब अमेरिका के सामने झुकने की बजाय अपने हित के लिए अमेरिका की आँखों में आँखें डालकर कर बात कर रहा है।

वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक मोहम्मद बिन सलमान ने अमेरिका को चेतावनी दी थी कि अगर तेल उत्पादन में कटौती को लेकर सऊदी अरब के खिलाफ कोई एक्शन लिया गया तो इसके बदले उन्हें गंभीर आर्थिक परिणाम भुगतने होंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पिछले साल अक्टूबर में तेल उत्पादन में कटौती के बाद सऊदी अरब को चेतावनी दी थी कि अगर उसने कच्चे तेल के दाम बढ़ाने के लिए उत्पादन में कटौती की तो उसे इसका अंजाम भुगतना होगा।

‘वॉशिंटन पोस्ट’ ने एक गोपनीय दस्तावेज का हवाला देते हुए कहा कि क्राउन प्रिंस की ओर से अमेरिका को ये धमकी उसी दौरान दी गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक एमबीडी ने कहा कि वह अमेरिका से संबंध तोड़ लेंगे। वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक एक अन्य लीक हुए दस्तावेज से यह भी पता चला है कि सऊदी अरब अपने अन्य देशों संग अपने संबंधों का विस्तार करने की योजना बना रहा है।

इस खुफिया दस्तावेज में बताया गया है कि सऊदी अरब, बीजिंग से ड्रोन, बैलिस्टिक मिसाइल, क्रूज मिसाइलें और मार्स सर्विलांस सिस्टम खरीदना चाहता है। वाशिंगटन पोस्ट ने खुलासा किया कि क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट एयर नेशनल गार्ड्समैन जैक टेइसीरा से जुड़े हैं, जिसने इस साल की शुरुआत में कथित तौर पर पेंटागन की जानकारी लीक की थी।

आपको बता दें कि बीते साल रूस-यूक्रेन जंग के बीच दुनिया में तेल की कीमतें बेहद कम हो गई थीं। घटती कमाई देखकर सऊदी अरब ने तेल उत्पादन में कटौती करनी शुरू कर दी जिससे की तेल के दाम को उसके पुराने स्तर पर लाया जा सके। सऊदी अरब के इस एलान से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भड़क गए। आपको बता दें कि ये वहीं वक्त था जब अमेरिका में मध्यावधि चुनाव होने वाले थे। जो बाइडेन को लगा कि इस बढ़ती महंगाई से उनके वोटों पर असर पड़ सकता है।

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये लेखक के निजी विचार हैं। आलेख में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए IscPress उत्तरदायी नहीं है।

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