2024 की तैयारी के लिए बीजेपी का 4000 मीटिंग टिफिन और 51 रैलियों का प्लान

2024 की तैयारी के लिए बीजेपी का 4000 मीटिंग टिफिन और 51 रैलियों का प्लान

कर्नाटक में करारी हार के बाद बीजेपी अलर्ट पर है और उसने 2024 के संसदीय चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत पार्टी ने महासंपर्क अभियान चलाने की योजना बनाई है जिसका नेतृत्व प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा करेंगे। इस कैंपेन में पार्टी ने 4,000 टिफिन मीटिंग करने की भी योजना बनाई है। ये टिफिन बैठकें जिला पदाधिकारियों के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं और मतदाताओं के साथ होंगी।

इसे ‘लंच डिस्केशन’ भी कहा जा रहा है, जिसमें बीजेपी के जिला पदाधिकारी, पार्टी कार्यकर्ताओं और वोटरों को मोदी सरकार की उपलब्धियों से अवगत कराएंगे। योजनाओं की सफलता का प्रेजेंटेशन भी दिखाया जाएगा। भाजपा टिफिन सभाओं के जरिए कम से कम 20 लाख मतदाताओं तक पहुंचने की योजना बना रही है।

इसके तहत पार्टी अध्यक्ष नड्डा पहले ही नोएडा में बैठक कर चुके हैं। इसके साथ ही बीजेपी ने 51 रैलियां करने की भी योजना बनाई है। ये रैलियां अलग-अलग शहरों में होंगी। उन्हें इन रैलियों के लिए अलग-अलग जिलों से पार्टी कार्यकर्ताओं को लाने और फिर मतदाताओं से जोड़ने की जिम्मेदारी दी जाएगी।

इस महासंपर्क अभियान को सफल बनाने के लिए भाजपा ने पार्टी कार्यकर्ताओं को विभिन्न जिम्मेदारियां सौंपी हैं और इन कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने की योजना भी बनाई है। बताया जा रहा है कि इस अभियान के दौरान पार्टी के महत्वपूर्ण नेता महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों का भी दौरा करेंगे ताकि वहां भी मतदाताओं से संपर्क किया जा सके।

इस संबंध में गृह मंत्री अमित शाह 10 जून को नांदेड़ भी गए थे। इसके बाद उन्होंने वहां एक बड़ी रैली को भी संबोधित किया था। वहीं जेपी नड्डा के बारे में खबरें हैं कि वह जून में 3 दिनों के लिए अपने मूल राज्य हिमाचल प्रदेश में मौजूद रहेंगे और यहां के विभिन्न मंदिरों और मठों का दौरा करेंगे। साथ ही वह तिरुपति का भी एक दौरा करेंगे।

मालूम हो कि बीजेपी का यह अभियान करीब एक महीने तक जारी रहेगा। इस दौरान पार्टी के नेता अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में संपर्क बनाने के साथ-साथ आस-पास के क्षेत्रों को भी प्रभावित करने की कोशिश करेंगे। महीने भर चलने वाले इस अभियान के जरिए भाजपा की योजना 2 करोड़ से ज्यादा वोटरों तक पहुंचने की है।

उनके पास अधिक युवा और पहली बार के मतदाता भी हैं ताकि पार्टी के ‘राष्ट्रवाद’ के दर्शन से उन्हें अवगत कराया जा सके। यह ज़िम्मेदारी गृहमंत्री अमित शाह को दी गई है। एक बात तो तय है कि कर्नाटक चुनाव के बाद बीजेपी किसी तरह की कोई भी सुस्ती करने के मूड में नहीं है। क्योंकि आरएसएस ने भी 2024 लोक सभा चुनाव के लिए भाजपा को अलर्ट कर दिया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Hot Topics

Related Articles