हमारे बच्चे जश्न मना रहें, जबकि ग़ाज़ा के बच्चों पर बमबारी हो रही: प्रियंका गांधी

हमारे बच्चे जश्न मना रहें, जबकि ग़ाज़ा के बच्चों पर बमबारी हो रही: प्रियंका गांधी

पिछले दो महीनों में इज़रायली हमलों में 22 हजार फिलिस्तीनी शहीद हो चुके हैं, जिनमें 5,500 से ज्यादा बच्चे भी शामिल हैं। मासूम और बेगुनाह बच्चों पर होने वाली इस बमबारी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय ताकतें या तो चुप हैं या फिर उस तरह से आवाज नहीं उठा रही हैं, जिस तरह से उठानी चाहिए। इस संबंध में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने चिंताजनक टिप्पणी की है।

उन्होंने देशवासियों को नववर्ष की बधाई देते हुए ग़ाज़ा में इज़रायल और हमास के बीच युद्ध में शहीद हुए लोगों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हमारे बच्चे नववर्ष का जश्न मन रहे हैं, जबकि दूसरी ओर फिलिस्तीनी बच्चों पर बमबारी की जा रही है।

प्रियंका गांधी ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से मानवता की अपील करते हुए कहा कि आइए! हम ग़ाज़ा में अपने भाइयों और बहनों को याद करें जो अपने जीवन, अपनी गरिमा और अपनी स्वतंत्रता पर सबसे अन्यायपूर्ण और अमानवीय हमलों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि साल 2023 फिलिस्तीनियों के लिए बेहद भयानक था। इस दौरान 22,500 लोगों की मौत हो गई। बता दें कि यह पहला मौक़ा नहीं है जब प्रियंका गांधी ने ग़ाज़ा वासियों पर होने वाले अत्याचार के विरुद्ध आवाज़ उठाई है।

वह लगातार ग़ाज़ा के मज़लूम शहीदों और बच्चों पर होने वाले अत्याचारों और बमबारी के विरुद्ध आवाज़ उठा रही हैं। वह ग़ाज़ा पर हो रहे हमलों को लेकर संघर्ष-विराम की मांग भी करती रही हैं। उन्होंने एक वीडियो भी शेयर किया है जिसमें एक तरफ लोग नए साल का जश्न मना रहे हैं और आतिशबाजी कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ ग़ज़ा में खंडहर और विस्फोट दिखाए जा रहे हैं।

प्रियंका गांधी के पिछले बयान
5 नवंबर: यह भयानक और शर्मनाक है कि ग़ाज़ा में हजारों बच्चों सहित लगभग 5000 नागरिकों का नरसंहार किया गया और उनके पूरे परिवारों का सफाया कर दिया गया। यहां तक ​​कि अस्पतालों और एंबुलेंसों पर भी बमबारी की जा रही है, शरणार्थी शिविरों को निशाना बनाया जा रहा है। दुख की बात तो यह है कि अंतर्राष्ट्रीय ताक़तें,फ़िलिस्तीन में नरसंहार के लिए धन देने के साथ ही अपन समर्थन करना जारी रखे हुए हैं।

13 नवंबर: ये कितना निंदनीय और दु:खद है। ग़ाज़ा में 10,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें आधे से ज़्यादा बच्चे थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक हर 10 मिनट में एक बच्चे की मौत हो रही है और अब छोटे-छोटे बच्चों को इनक्यूबेटर से निकालकर ऑक्सीजन की कमी के कारण मरने के लिए छोड़ दिया गया है।

7 दिसंबर: भारत ने हमेशा सही का समर्थन किया है।’ हमारे देश ने हमेशा फ़िलिस्तीनी लोगों की आज़ादी का समर्थन किया है, लेकिन वर्तमान सरकार का रवैया बदल गया है। दुख की बात है कि ग़ाज़ा में बमबारी जारी है। खाद्य पदार्थ ख़त्म हो गये हैं। चिकित्सा सुविधाएँ नष्ट हो गईं और सभी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भी बंद कर दी गई है। पूरा देश बर्बाद हो रहा है। ऐसे में जरूरी है कि विश्व शक्तियां अपनी भूमिका निभाएं और ग़ाज़ा को बचाएं।

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