कश्मीरी पंडितों से मिलने जा रहीं महबूबा मुफ़्ती नज़र बंद
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती इससे पहले भी कई बार नजरबंद हो चुकी हैं, लेकिन इस बार उन्हें नजरबंद किए जाने की घटना बिल्कुल ही अलग है।
आतंकी हमलों से पीड़ित कश्मीरी पंडितों से मिलने के लिए जा रही महबूबा मुफ्ती को प्रशासन ने नजरबंद कर दिया है। कहा जा रहा है कि महबूबा मुफ्ती उस कश्मीरी पंडित के परिवार से मिलने के लिए जा रही थी जिसे कुछ दिनों पहले आतंकियों ने गोली मारकर घायल कर दिया था।
महबूबा मुफ़्ती ने खुद को नजरबंद किए जाने की घटना पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मैं आज उस हिंदू कश्मीरी परिवार से मिलने जा रही थी जिस पर गत सप्ताह हमला किया गया था। महबूबा मुफ्ती ने अपनी नजरबंदी पर आपत्ति जताते हुए कहा कि मैं शोपियां में पीड़ित हिंदू परिवार के पास सांत्वना व्यक्त करने जाना चाहती थी।
केंद्र सरकार पर कश्मीरियों को मुख्यधारा से अलग-थलग करने एवं कश्मीरी मुसलमानों के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने के आरोप लगाते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि भारत सरकार जानबूझकर मुख्यधारा से जुड़े कश्मीरियों एवं कश्मीरी मुसलमानों के खिलाफ दुष्प्रचार अभियान चलाए हुए हैं। वह घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन के लिए मुसलमानों को जिम्मेदार ठहराने का दुष्प्रचार अभियान छेड़े हुए हैं। केंद्र सरकार यह भी नहीं चाहती कि उसके दुष्प्रचार की पोल खुले इसीलिए वह मुझे नजरबंद कर रही है।
शोपियां में आतंकी हमले में घायल हिंदू परिवार का कुशल-क्षेम पूछने के लिए जाने से पहले ही महबूबा मुफ्ती को पुलिस ने श्रीनगर में उनके घर में नजरबंद कर दिया है। बता दें कि 4 मार्च को शोपियां जिले के चोटीगाम में आतंकवादियों ने कश्मीरी पंडित बालकृष्ण भट्ट पर हमला करते हुए उन्हें घायल कर दिया था। बालकृष्ण का परिवार एक मेडिकल स्टोर चलाता है मेडिकल स्टोर के बाहर ही आतंकियों ने गोली मार दी थी।
महबूबा मुफ्ती शोपियां में रह रहे कश्मीरी पंडितों के बीच जाकर उन्हें यकीन दिलाना चाहती थी कि कश्मीर घाटी में रहने वाले किसी भी व्यक्ति को डरने की जरूरत नहीं है। कश्मीर का मुसलमान घाटी में रह रहे पंडितों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हर स्थिति में खड़ा हुआ है। प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था का हवाला देते हुए महबूबा मुफ्ती को उनके घर में नजरबंद कर दिया।