मध्य प्रदेश: यौन उत्पीड़न का केस वापस नहीं लेने पर भाई की हत्या

मध्य प्रदेश: यौन उत्पीड़न का केस वापस नहीं लेने पर भाई की हत्या

मध्यप्रदेश में दलितों पर अत्याचार का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। अभी हाल ही में वहां दलित युवक पर पेशाब करने की घटना सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। जिसके कारण शिवराज सरकार को काफ़ी शर्मिंदगी उठानी पड़ी थी। अब ताज़ा मामला के सागर जिले का है जहां बहन के यौन उत्पीड़न का केस वापस नहीं लेने पर भाई की हत्या कर दी गई और मां को निर्वस्त्र कर पीटा गया।

आरोपी पीड़ित युवक की बहन पर शिकायत वापस लेने का दबाव बना रहा था। घटना मध्य प्रदेश के सागर जिले में गुरुवार को हुई। 2019 में पीड़ित युवक की बहन द्वारा दायर यौन उत्पीड़न के मामले को वापस लेने को लेकर उसके और आरोपी के बीच बहस हुई। बहन द्वारा दर्ज कराए गए यौन उत्पीड़न के मामले को वापस लेने से इनकार करने पर पीड़ित को पीट-पीटकर मार डाला गया। उसकी माँ को निर्वस्त्र कर पिटाई की।

इस घटना ने अब राजनीतिक रूप से तूल पकड़ लिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस मुद्दे को उठाया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया है कि ‘सागर में संत रविदास मंदिर बनवाने का ढोंग रचने वाले प्रधानमंत्री मध्य प्रदेश में लगातार होते दलित व आदिवासी उत्पीड़न एवं अन्याय पर चूँ तक नहीं करते।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री केवल कैमरे के सामने वंचितों के पैर धो कर अपना गुनाह छुपाने की कोशिश करते हैं। …पर भाजपा ने मध्य प्रदेश को दलित अत्याचार का प्रयोगशाला बना रखा है। भाजपा शासित मध्य प्रदेश में दलितों के ख़िलाफ़ अपराधों का रेट सबसे ज़्यादा है, राष्ट्रीय औसत से भी तीन गुना है।

बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा है, ‘खुरई विधानसभा क्षेत्र में मंत्री के गुर्गे दलित लड़की के साथ छेड़छाड़ के बाद राजीनामा न करने पर युवक की पीट कर हत्या कर देते हैं, माँ को निर्वस्त्र कर हाथ तोड़ देते हैं। बहन के साथ मारपीट तथा उनके घर को ढहा देते हैं। ऐसा भयानक दृश्य भाजपा के शासन में हो रहा है।

बता दें कि इस मामले में आरोपी दबंग परिवार से आते हैं। नौ आरोपियों को नामजद और तीन-चार अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार एडिशनल एसपी संजीव उइके के मुताबिक, ‘मुख्य आरोपी समेत नौ लोगों के खिलाफ धारा 307 के तहत मामला दर्ज किया गया है। अस्पताल में पीड़िता की मौत के बाद धारा 302 और एससी/एसटी एक्ट भी लगाया गया है।

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