कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया को हाईकोर्ट से झटका

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया को हाईकोर्ट से झटका

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मूडा) की जमीन आवंटन के मामले में हाईकोर्ट में अपनी अपील खारिज होने के बाद इस फैसले को चुनौती देने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा है कि “मैं जांच का सामना करने से पीछे नहीं हटूंगा, लेकिन मैं विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा करूंगा कि क्या ऐसी जांच कानूनी तौर पर जायज है या नहीं।”

गौरतलब है कि कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने तीन दशक पुराने जमीन आवंटन के एक मामले में 16 अगस्त को मुख्यमंत्री के खिलाफ जांच की अनुमति दी थी। इसे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। मंगलवार को कर्नाटक हाईकोर्ट की जस्टिस एम नागप्रसन्ना की एकलपीठ ने सिद्धारमैया की अपील को खारिज कर दिया और राज्यपाल के फैसले को सही ठहराया।

अदालत ने कहा है कि राज्यपाल, मुख्यमंत्री और उसकी कैबिनेट की सलाह पर काम करता है, लेकिन कुछ मामलों में वह स्वतंत्र रूप से भी निर्णय ले सकता है। कोर्ट ने इसी संदर्भ में मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप की जांच की अनुमति देने के राज्यपाल गहलोत के फैसले को जायज ठहराया। अदालत का यह फैसला मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के लिए झटका माना जा रहा है। बीजेपी ने इसको आधार बनाकर उनके इस्तीफे की मांग तेज कर दी है।

दूसरी ओर, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर जवाबी हमला करते हुए इसे राज्य सरकारों के खिलाफ प्रतिशोधात्मक राजनीति का आरोप लगाया। उन्होंने हाईकोर्ट के फैसले के बाद इस्तीफा देने की मांग को खारिज कर दिया। एकलपीठ के फैसले को चुनौती देने का संकेत देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह आगे की कानूनी लड़ाई के लिए कानूनी विशेषज्ञों और पार्टी नेताओं से सलाह लेंगे।

यह दावा करते हुए कि “मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है,” उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट का आदेश केवल जांच की अनुमति से संबंधित है। यह कोई दंडात्मक आदेश नहीं है। सिद्धारमैया ने विपक्षी नेताओं से पूछा, “मैं इस्तीफा क्यों दूं? क्या कुमारस्वामी ने इस्तीफा दे दिया है? वह जमानत पर हैं, उनसे भी पूछ लें। जांच के चरण में इस्तीफा क्यों मांगा जा रहा है? मैं इसका जवाब दूंगा। हम उनका राजनीतिक रूप से सामना करेंगे, क्योंकि यह एक साजिश है।”

पत्रकारों के सवाल पर उन्होंने कहा कि कानूनी विशेषज्ञों, मंत्रियों और पार्टी के राज्य अध्यक्ष से मुलाकात कर अगले कदम का फैसला किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बीजेपी और जेडी(एस) पर साजिश और राजभवन के दुरुपयोग का आरोप लगाया। सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार न केवल उनके खिलाफ बल्कि पूरे देश में विपक्ष की राज्य सरकारों के खिलाफ प्रतिशोधात्मक राजनीति कर रही है।

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