दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद (Umar Khalid) को पिछले साल के पूर्वोत्तर दिल्ली दंगों के मामले में जमानत दे दी है। दिल्ली कोर्ट ने कहा कि केवल हिंसा में शामिल लोगों की पहचान के लिए खालिद को अनिश्चिकाल तक जेल में रखा नहीं जा सकता।
बता दें कि फरवरी 2020 में खजूरी खास में हुए दंगों से जुड़े एक मामले में खालिद को गिरफ्तार किया गया था खालिद पर निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन के साथ मिलकर दंगे भड़काने का आरोप था। जिससे आज अदालत ने उन्हें ज़मानत दे दी है
ग़ौर तलब है कि खालिद की गिरफ्तारी गैरकानूनी गतिविधियां कानून यानी UAPA के तहत की गई थी। उमर खालिद जेएनयू में 2016 में कथित तौर पर देश विरोधी दंगे हुए थे। इसमें उमर खालिद भी आरोपी बनाए गए थे। पुलिस ने देशद्रोह के मामले में कन्हैया कुमार के साथ उन्हें भी गिरफ्तार किया था।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार अदालत का कहना है कि गवाह खालिद के बारे में ताहिर हुसैन और खालिद सैफी के बीच 08.01.2020 को हुई बैठक की बात करता है, हालांकि उस बैठक में किस विषय पर बात हुए इसके बारे में किसी तरह का कोई खुलासा नहीं करता है।” इसलिए खालिद को अदालत ज़मानत दे रही है