दोस्ती की नई इबारत लिखेंगे भारत और रूस, चीन अमेरिका की नज़रें टिकी

दोस्ती की नई इबारत लिखेंगे भारत और रूस, चीन अमेरिका की नज़रें टिकी भारत यात्रा पर आ रहे रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन हालांकि सिर्फ कुछ घंटे के लिए दिल्ली में रुकेंगे लेकिन इस यात्रा पर दुनिया भर की नजरें टिकी हैं ।

दोस्ती की नई इबारत लिखने वाली उनकी यह यात्रा के बीच भारत और रूस के द्विपक्षीय रिश्ते बेहद मजबूत कर जाएगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और व्लादिमीर पुतिन के बीच कुछ देर अकेले में भी बातचीत होगी । दोनों नेताओं की अगुवाई में रूस – भारत 21वां वार्षिक शिखर सम्मेलन होगा । दोनों देशों के बीच इस शिखर सम्मेलन के बाद ऊर्जा, रक्षा, अंतरिक्ष, तकनीक, कारोबार जैसे पांच क्षेत्रों में 10 से अधिक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे ।

रूस और भारत दोनों ही देशों के अधिकारियों का मानना है कि बदलते वैश्विक राजनीतिक हालात में भारत और रूस के बीच समझौते आपसी सहयोग को विस्तार देने वाले साबित होंगे । रूस कोरोनावायरस के प्रकोप से जूझ रहा है। साथ ही यूक्रेन संकट की गंभीर स्थिति के बावजूद पुतिन के दिल्ली आने के फैसले ने स्पष्ट कर दिया है कि रूस और भारत की पुरानी दोस्ती आगे भी उसी तरह जारी रहेगी। माना जा रहा है कि रूस में जारी संकट के कारण ही पुतिन ने भारत में सिर्फ कुछ घंटे रुकने का निर्णय लिया है। लेकिन पुतिन से पहले रूस के रक्षा मंत्री एवं विदेश मंत्री एक दिन पहले ही नई दिल्ली पहुंच जाएंगे ।

सोमवार सुबह रूसी रक्षा मंत्री शोइगू और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सैन्य तकनीकी सहयोग की मीटिंग होगी उसी दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के बीच भी चर्चा हो रही होगी।

विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री की बैठकों के बाद दोनों देशों के बीच पहली टू प्लस टू वार्ता होगी जिसकी अध्यक्षता दोनों देशों के रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री करेंगे । व्लादीमीर पुतिन की यह यात्रा उन अटकलों पर भी विराम लगा देगी जिसमें कहा जा रहा था कि भारत और रूस के रिश्ते में नरमी आ गई है।

दिसंबर 2019 की पुतिन की प्रस्तावित यात्रा का टलना हो या विदेश मंत्री के रूप में लावरोव का पहली बार पाकिस्तान जाना, अंतरराष्ट्रीय मंच पर चीन को खुलकर समर्थन करना हो या भारत और अमेरिका की बढ़ती नजदीकियां और क्वाड की स्थापना, इन तमाम चीजों ने विशेषज्ञों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया था कि भारत और रूस के रिश्ते में पुरानी बात नहीं रह गई है।

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