एनडीए से आगे निकलने के लिए इंडिया गठबंधन के पास समय ख़त्म होता जा रहा है: केसी त्यागी

एनडीए से आगे निकलने के लिए इंडिया गठबंधन के पास समय ख़त्म होता जा रहा है: केसी त्यागी

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के गठबंधन के संयोजक पर 10-15 दिन में फैसला लेने वाले बयान से जदयू खुश नहीं है। रविवार को जदयू ने कहा कि कांग्रेस प्रमुख का बयान निराशाजनक है। बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए से आगे निकलने के लिए इंडिया गठबंधन के पास समय खत्म हो रहा हैं।

जदयू के मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि, ‘कांग्रेस जिस तरह से संयोजक पद पर मीडिया के सवालों का जवाब दे रही है, वह हमें अच्छा नहीं लगा। हमारे पास समय खत्म हो रहा है। हमारे पास अभी भी सबकुछ ठीक करने का समय है, लेकिन गठबंधन को मजबूत बनाने के लिए कांग्रेस को ही तेजी दिखानी है।

जेडीयू फिर से कांग्रेस से नाखुश नज़र आ रहा है। इंडिया गठबंधन में फ़ैसले लेने में देरी को लेकर। ऐसी देरी के लिए कांग्रेस के तो पहले पाँच राज्यों में विधानसभा चुनाव में फँसे होने का हवाला दिया जा रहा था, लेकिन अब आख़िर वो वजह क्या है? कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का शनिवार को बयान आया कि प्रमुख पदों के बारे में निर्णय लेने के लिए इंडिया गठबंधन 10 से 15 दिनों में बैठक करेगा।

बता दें कि, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शनिवार को कहा था कि अगले 10 से 15 दिनों में इंडिया गठबंधन के संयोजक का नाम तय हो जाएगा। उन्होंने कहा था कि इंडिया गठबंधन के सहयोगियों के साथ बैठक कर इसका फ़ैसला लिया जाएगा। सवाल पर उन्होंने कहा कि संयोजक का सवाल कौन बनेगा करोड़पति जैसा है।

त्यागी ने सवाल किया कि कांग्रेस 14 जनवरी से शुरू होने वाली ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ का आयोजन क्यों कर रही है? अगर यात्रा का आयोजन किया जाना जरूरी है तो इसे इंडिया गठबंधन की यात्रा क्यों नहीं बनाया जा रहा है? उन्होंने कहा, ‘अयोध्या में होने वाले राम मंदिर उद्घाटन के जरिए बीजेपी बड़ा माहौल बनाने में सफल रही है। इसके इंडिया गठबंधन के लिए जरूरी हो गया है कि वह राष्ट्रव्यापी जाति सर्वेक्षण और अन्य राष्ट्रीय मुद्दों की मांग के साथ एक मजबूत जवाब दे।’

कांग्रेस अपनी यात्रा पर निकल पड़ी है। बल्कि, यह एक ‘इंडिया’ यात्रा होनी चाहिए थी जिसमें गठबंधन के सभी शीर्ष नेता भाग ले सकते थे। कांग्रेस ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू करने से पहले अपने किसी भी सहयोगी दल से सलाह नहीं ली। हम उनकी यात्रा का स्वागत करते हैं लेकिन इसे शुरू करने का यह अच्छा समय नहीं था।’ उन्होंने आगे कहा,

इंडिया अभी भी असमंजस की स्थिति में है। यदि राम मंदिर के उद्घाटन के तुरंत बाद लोकसभा चुनाव की घोषणा हो गई तो क्या होगा? हमारे पास अभी भी सीट-बंटवारे, एजेंडे और नेतृत्व की भूमिकाओं पर स्पष्टता नहीं है। कांग्रेस को अपना बड़ा भाई वाला रवैया छोड़कर बड़ा दिल दिखाना चाहिए।

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